वर्ष २०२५ में हिन्दू राष्ट्र स्थापना होने हेतु आज से ही सक्रिय हों ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
वाराणसी के नंदी आज भी भगवान काशी विश्वेश्वर की ओर नहीं, अपितु ज्ञानव्यापी मस्जिद की ओर मुंह करके मूल मंदिर के भग्नावशेष देख रहे हैं ! वर्तमान में काशी-मथुरा, कुतुबमिनार, अजमेर में ‘ढाई दिन का झोपडा’ अर्थात ‘श्री सरस्वती मंदिर’, इन मंदिरों के विषय में आज चर्चा आरंभ हुई है; तब भी इनके अतिरिक्त १ सहस्र ५६० प्राचीन हिन्दू मंदिरों पर हुआ इस्लामी अतिक्रमण उसी स्थिति में हैं ।