सनातन संस्था की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का सम्मान !

सनातन संस्था के २५ वर्ष पूरे होने तथा सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ८३वें जन्मदिन के अवसर पर, सनातन संस्था द्वारा हाल ही में गोवा में ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया था ।

हिन्दुओ, आपातकाल में जीवित रहने के लिए साधना करने के साथ-साथ स्वरक्षा की तैयारी करें !

वर्तमान आपातकाल में ईश्वर की भक्ति करने के साथ-साथ कराटे, लाठी चलाना आदि स्वरक्षा विद्या प्राप्त करना आवश्यक है ।

जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में डॉ. (श्रीमती) कुंदा आठवलेजी की ओर से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को श्री रामलला की मूर्ति अर्पण !

यहां अनेक वक्ताओं ने उनके मार्गदर्शन में रामराज्य की स्थापना करने के विषय में बात कही; इसलिए मुझे ऐसा लगा कि सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी श्री रामलला की यह मूर्ति उपहार में देने का उचित समय है ।

डॉ. आठवलेजी का प.पू. भक्तराज महाराजजी तथा आश्रम के प्रति सेवाभाव तथा उन्हें सद्गुरु द्वारा प्राप्त बहुमूल्य आशीर्वाद !

प.पू. महाराजजी द्वारा प्रसन्न होकर डॉक्टरजी को दिया गया बहुमूल्य आशीर्वाद !

प.पू. भक्तराज महाराजजी की प.पू. डॉक्टरजी के प्रति निरपेक्ष प्रीति एवं उनके कृपाशीर्वाद !

अ. प.पू. डॉक्टरजी के कार्य के विषय में प.पू. महाराजजी ने पहले ही बता रखा था । एक बार विशाखापट्टणम् जाने पर वहां सभी के छायाचित्र खींचने आए छायाचित्रकार को रोककर उन्होंने हमें उनके चरणों में बिठाकर छायाचित्र खिंचवा लिया । उस समय उन्होंने कहा, ‘‘पूरे विश्व को यह ज्ञात होना चाहिए कि आप मेरे … Read more

‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ के माध्यम से हुए आध्यात्मिक लाभ के लिए मन में कृतज्ञभाव रखकर साधना के प्रयासों की गति बढाएं !

‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन कर सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने साधकों को भर-भरकर दिया है । उससे संबंधित आगे कुछ सूत्र दिए हैं । उन सूत्रों का अध्ययन कर साधक स्वयं में तीव्र साधना करने की लगन जागृत कर साधना का अगला स्तर प्राप्त करें ।

सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के भगवान मुरुगन् के (कार्तिकेयजी के) रूप में दर्शन होने की पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रन्जी की कामना पूर्ण होना !

प.पू. गुरुदेवजी (‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी) ने अब तक के जन्मोत्सव समारोहों में हमें भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, श्री दत्तगुरु, श्रीविष्णु एवं श्री सत्यनारायण की वेशभूषा कर हमें दर्शन दिया है । तो ‘इस वर्ष अर्थात २०२५ में प.पू. गुरुदेवजी ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ में किस रूप में दर्शन देंगे ?’,

ईश्वरस्वरूप सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी साधक को ध्यान में आई कुछ विशेषताएं तथा प्रतीत हुई अवतारत्व से संबंधित उनकी लीलाएं !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी (गुरुदेवजी) के ईश्वरत्व के विषय में विश्लेषण !

यदि हम जीते, तभी जी पाएंगे ! – प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी, कोषाध्यक्ष, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास

सनातन संस्था का संपूर्ण कार्य आध्यात्मिकता की नींव पर खडा है । अध्यात्म का ग्रंथ ‘भगवद्गीता’ युद्ध की भूमि पर विशद किया गया है । उसी प्रकार से सनातन संस्था ने भी अध्यात्म से लेकर युद्ध तक की जागृति की है ।