‘७२ हूरें’ के ट्रेलर (विज्ञापन) को प्रमाणपत्र न मिलने का समाचार, केवल अफवाह ! – केंद्रीय चलचित्र प्रमाणन बोर्ड
बोर्डने अपने स्पष्टीकरणमें कहा, ‘यह समाचार केवल अफवाह है । ट्रेलरको प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया अभी जारी है ।
बोर्डने अपने स्पष्टीकरणमें कहा, ‘यह समाचार केवल अफवाह है । ट्रेलरको प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया अभी जारी है ।
पुलिसकर्मियों की मुगलाई ! क्या हिन्दुओं पर लाठी बरसानेवाली पुलिस, अन्य धर्मियों को कभी इस प्रकार पीटने का साहस करेगी ? ऐसी पुलिस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, हिन्दुओं को यही अपेक्षित है !
ऐसे भ्रष्टाचारियों को फांसी का ही दंड होने के लिए कानून बनाना आवश्यक है !
इस्लाम की संकल्पना पर आधारित चित्रपट का विज्ञापन करने वाले वीडियो को (‘ट्रेलर को’) अनुमति न देने वाला केंद्रीय चित्रपट परिनिरीक्षण बोर्ड हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को दुखाने वाले ‘आदिपुरुष’ चित्रपट को आसानी से अनुमति देता है, यह ध्यान मे लें !
‘आदिपुरुष’ चित्रपट के संवाद पलटने का आश्वासन लेखक और निर्देशक ने दिया है । केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड ने चित्रपट को प्रमाण पत्र दिया है ।
हिन्दू बहुसंख्यक भारत में ‘जय श्रीराम’ की घोषणा करनेवाले ६ विद्यार्थियों पर कार्यवाही होना हिन्दुओं की आवाज दबाने का ही प्रयास है !
देशद्रोही घोषणा करनेवालों के विरुद्ध कभी एक शब्द भी नहीं कहा जाता, यह ध्यान में लें !
ध्यान रहे ऐसी घटनाओं पर कांग्रेस, साम्यवादी पक्ष , समाजवादी पक्ष , बसपा, पुरो (अधो) गामी निधर्मीवादी अथवा इस्लामी संगठन मुंह नहीं खोलते !
जिस क्षेत्र का हमें ज्ञान नहीं है, उसके विषय में अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन तो न करें, यह सरल एवं सीधा सामाजिक नियम भी न जाननेवाले हिन्दूद्वेषी स्वयं का ही उपहास उडा रहे हैं !
इस चलचित्र का दिग्दर्शन एम.के. शिवाक्ष ने किया है ।
इतने वर्ष मुसलमानों का तुष्टीकरण कर कांग्रेस को मत मिले । धर्म के आधार पर लाभ उठाया जा रहा है, तो भी नसीरुद्दीन शाह को कभी धर्म का स्मरण नहीं हुआ, ऐसा क्यों ?