जर्मनी में चान्सलर एंजेला मार्केल की पार्टी पराजय की छाया में
एंजेला मर्केल लगभग १६ वर्ष जर्मनी की चान्सलर थीं ।
एंजेला मर्केल लगभग १६ वर्ष जर्मनी की चान्सलर थीं ।
भारत सरकार को भी ऐसी सूचना नागरिकों को देनी चाहिए !
भारत के प्रसार माध्यम ऐसे समाचारों को जानबूझकर दबाते हैं ; क्योंकि, उनकी दृष्टि में पादरियों की ऐसी प्रतिमा नहीं है और वे भारतीयों के सामने उनकी ऐसी प्रतिमा रखने के इच्छुक नहीं है !
जो बात ब्रिटेन के सांसद की समझ में आती है, वह भारत के धर्मनिरपेक्षतावादियों और आधुनिकतावादी विचारधारावाले राजनेताओं और उनके दलों की समझ में क्यों नहीं आती ?
भारत को पहली सूची सितंबर २०१९ में और दूसरी सूची सितंबर २०२० में, स्विस बैंक से ‘ऑटोमॅटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन’ (‘सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान’) के माध्यम से मिली थी ।
टोनी ब्लेअर को जो लगता है वह विश्व के अन्य नेताओं को लगता है क्या, या वे अभी भी धर्मनिरपेक्षता की गोद में सो रहे हैं ?
‘चीन के उघुर मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हमें अधिकार है’, ऐसा बोलने का साहस तालिबानी आतंकी क्यों नहीं दिखाते ? इससे उनका छद्म मुसलमानप्रेम और भारतद्वेष दिखाई देता है !
ब्रिटेन में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने हिन्दूओं का आंदोलन !
भारत में जन्मे हिन्दुओं को विदेशों में रह रहे हिन्दुओं से सीखना चाहिए, जो पाकिस्तान में धार्मिक बन्धुओं को न्याय दिलाने के लिए सडकों पर उतरते हैं !
संसार के अग्रणी वैज्ञानिक डॉ निकलास बायर्स का दावा है कि वर्तमान में, जलवायु में तीव्र गति से परिवर्तन हो रहा है । इससे निकट भविष्य में ब्रिटेन बर्फ के नीचे दब सकता है, ऐसी उन्होंने आशंका व्यक्त की है ।
प्रशासन ने ब्रिटेन में रहने वाले हिंदु और सिख समाज के लाेगाें की मृत्यु हाेने पर उनकी अस्थियों का नदी में विसर्जन करने की अनुमति दे दी है ।