टीकाकरण केंद्र में टीके के खुराक उपलब्ध है अथवा नहीं, इसका पता लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी व्हाट्सएप क्रमांक !

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने व्हाट्सएप क्रमांक ९०१३१५१५१५ प्रसारित किया है । इस क्रमांक की सहायता से नागरिकों को यह जानने कि सुविधा होगी कि उनके क्षेत्र के टीकाकरण केंद्र में टीके के खुराक उपलब्ध है या नहीं । इसके लिए, इस क्रमांक पर एक संदेश भेजना पडेगा । नागरिकों को व्हाट्सएप में इस क्रमांक पर जाकर अपने क्षेत्र का पिन कोड टाइप करके भेजना होगा । उसके पश्चात, उस क्षेत्र में टीकों के खुराक की उपलब्धता के विषय में आधिकारिक सूचना प्राप्त होगी ।

दिसंबर तक सभी का टीकाकरण हो जाएगा ! -भाजपा अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों एवं मुख्यमंत्रियों को, मार्च माह में ही कोरोना की दूसरी लहर आने से पूर्व ही संपूर्ण सिद्धता करने के लिए कहा था । भारत ने मात्र ९ महीनों में २ भारतीय टीके ‘कोविशील्ड’ एवं ‘कोवॅक्सिन’ सिद्ध किए हैं । अब तक १८ करोड से अधिक भारतीय इसे ले चुके हैं । दिसंबर के अंत तक देश के सभी नागरिकों का टीकाकरण किया जाएगा ।

‘इसरो’ स्वदेशी ‘प्राणवायु सांद्रक (कॉन्सेंट्रेटर्स)’ बनाने में सफल !

नई दिल्ली : ‘इसरो’ संस्थान स्वदेशी ‘प्राणवायु कॉन्सेंट्रेटर्स’ बनाने में सफल हुआ है । यह उपकरण ‘बाहरी प्राणवायु’ पर निर्भर रोगियों को ९५ प्रतिशत से अधिक प्राणवायु की आपूर्ति करने में सहायक होगा । इस ‘प्राणवायु कॉन्सेंट्रेटर’ को ‘श्वास’, यह नाम दिया गया है ।

सिंगापुर में पाए गए नए कोरोना के नये स्ट्रेन से संबंधित केजरीवाल के वक्तव्य का प्रकरण !

‘क्योंकि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, उनका मत देश का मत नहीं है’, यह भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा सिंगापुर को स्पष्ट किया गया । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के नए प्रकार को लेकर ट्वीट करते हुए कहा था, ‘सिंगापुर में पाया जाने वाला कोरोना का नया ‘स्ट्रेन’ बच्चों के लिए अत्यंत घातक है ।’ उनके इस दावे को सिंगापुर स्वास्थ्य विभाग एवं सिंगापुर दूतावास ने निरस्त कर दिया था । इसके पश्चात विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने ट्वीट कर भारत की आधिकारिक भूमिका स्पष्ट की ।

तौक्ते के पीछे पीछे अब ‘यास’ नामक चक्रवात टकराएगा !

तौक्ते के पीछे पीछे अब ‘यास’ नामक चक्रवात पूर्वी बंगाल एवं ओडिशा के तटों से टकराने की चेतावनी भारतीय मौसम विभाग ने दी है । यह चक्रवात २५ मई को बंगाल तथा २६ मई को ओडिशा से टकराने की आशंका है । बंगाल की खाडी में एक न्यून दबाव का क्षेत्र बन गया है एवं समुद्र के पानी का तापमान बढ गया है । ‘ओमान’ देश ने इस चक्रवात को ‘यास’ नाम दिया है । यह भी कहा जा रहा है कि, ‘यह चक्रवात तौक्ते के समान विनाशकारी नहीं होगा ।’

रोगियों के उपयोग के लिए डीआर्डीओ (DRDO) की कोरोना पर ‘२डीजी’ औषधि उपलब्ध !

भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा कोरोना पर खोजी गई औषधि ‘२डीजी’ को रोगियों के लिए उपलब्ध करा दिया गया है । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में यह सूचना दी गई । इस औषधि को डीआर्डीओ के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेज’ द्वारा विकसित किया गया है ।

कोरोना पीडित पिता के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर ढूंढने वाली लडकी से उसके बदले शारीरिक संबंध बनाने की मांग

कोरोना पीडित पिता के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर ढूंढने वाली लडकी से पडोसी द्वारा उसके बदले शारीरिक संबंध बनाने की मांग करने का घृणास्पद मामला उजागर हुआ है । 

ईद की नमाज के लिए देश के कई भागों में कोरोना के नियमों का उल्लंघन !

देश में बढते कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र एवं राज्य प्रशासन की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं । परंतु, इन नियमों का उल्लंघन करते हुए, १४ मई को रमजान के अवसर पर देश के कुछ भागों में मस्जिदों तथा रास्तों पर सामूहिक नमाज अदा की गई । समाचार एजेंसी एएनआई ने इन प्रार्थनाओं के छायाचित्र प्रसारित किए हैं ।

अभिनेत्री प्रियंका चोपडा द्वारा पहनी गई जैकेट के पीछे श्री महाकाली देवी का छायाचित्र !

अभिनेत्री प्रियंका चोपडा का एक छायाचित्र सामाजिक माध्यमों पर घूम रहा है । इसमें उनके द्वारा पहने गए जैकेट के पीछे श्री महाकाली देवी का छायाचित्र है । इसलिए, सामाजिक माध्यमों पर उनकी आलोचना हो रही है । आलोचना करते हुए अनेक लोगों ने इन शब्दों में सुनाया है, ‘आपको ऐसा करते हुए लज्जा आनी चाहिए, न्यूनतम धर्म का अपमान तो न करें, भगवान को फैशन से दूर रखें ।’

डीआरडीओ की ‘२ डी ऑक्सी-डी-ग्लूकोज’ (२-डीजी) कोरोना प्रतिबंधक औषधि को मान्यता !

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित कोरोना इनहिबिटर, ‘२ डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज’ (२-डीजी) को औषधि के महानियंत्रक द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है । इस औषधि को कोरोना के मंद से तीव्र लक्षणों वाले रोगियों में ‘सहायक उपचार पद्धति’ के रूप में प्रयोग किया जाएगा । २-डीजी पाउडर के रूप में आता है । इसे पानी में मिलाया जाता है ।