देवता को भावपूर्ण भोग चढाकर उसे ‘प्रसाद’ के भाव से ग्रहण करने पर व्यक्ति को मिलनेवाले आध्यात्मिक लाभ !
‘हिन्दू धर्म में देवता को भोग चढाकर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है । ‘देवता को भोग चढाकर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करनेवाले व्यक्ति पर आध्यात्मिक दृष्टि से क्या परिणाम होता है ?’ परीक्षण में प्राप्त निरीक्षणों का विवेचन, उनसे प्राप्त निष्कर्ष और उनका अध्यात्मशास्त्रीय विश्लेषण आगे दिया गया है ।