सनातन प्रभात > Post Type > सुविचार > राष्ट्र एवं धर्मप्रेम ! राष्ट्र एवं धर्मप्रेम ! 06 Feb 2024 | 05:27 AM Share this on :TwitterFacebookWhatsapp सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी ‘व्यक्तिगत प्रेम की अपेक्षा राष्ट्रप्रेम और धर्मप्रेम करके देखिए । उसमें अधिक आनंद है !’ ✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक Share this on :TwitterFacebookWhatsapp नूतन लेख यह भारत को पुनः गौरवशाली बनाने तथा सनातन धर्म की पुनः स्थापना का उद्घोष है ! – प.पू. स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज‘Om Shiv Shakti Om’ Award : श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळ को ‘ॐ शिव शक्ति ॐ’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा !परीक्षा में मिले अंकों की तुलना में साधना के कारण निर्माण हुए सद्गुण महत्वपूर्ण !सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचारहिन्दू राष्ट्र के उद्गाता सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का अलौलिक चरित्रसच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की साधना का आरंभ, गुरुप्राप्ति एवं आदर्श गुरुसेवक