सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘हिन्दुओं अनेक पीढियों के संघर्ष के उपरांत प्रभु श्रीराम की कृपा से हमारी पीढ़ी श्रीराम को उनकी जन्मभूमि में विराजमान होते देख रही है । केवल इतने से आनंदित होना उचित नहीं होगा । हिन्दू राष्ट्र ही हिन्दुओं की सभी समस्याओं का उपाय है । इसके लिए आध्यात्मिक स्तर पर भी प्रयास करना आवश्यक है । इसलिए आज से अपनी साधना के साथ प्रतिदिन जितना संभव हो अथवा कम से कम २ घंटे अपने ईष्टदेवता का अथवा ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का नामजप करें । कोई बैठकर नामजप न कर पा रहा हो, तो वह आते-जाते अथवा यात्रा में भी यह नामजप करे ।
सनातन के साधक वे अपनी साधना के रूप में जो जप कर रहे हैं (उदा. आध्यात्मिक उपायों का अथवा ‘निर्विचार’ का जप), वही वे आरंभ रखें । वे हिन्दू राष्ट्र स्थापना होने हेतु समष्टि साधना कर ही रहे हैं ।
हिन्दू राष्ट्र स्थापना के उपरांत उसका रामराज्य में रूपांतरण होने हेतु साधकों सहित सभी न्यूनतम २ घंटे ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का नामजप करेंगे !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक