सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘पूरे विश्व में आज कहीं भी जाएं, तो इस भूतल पर भी स्थित विविध विषय अंग्रेजी भाषा में सीखे जा सकते हैं । इस कारण सर्वत्र अंग्रेजी भाषा महत्त्वपूर्ण हो गई है । सभी लोग यह भाषा सीखने का प्रयास करते हैं । ऐसा होने पर भी मानव जीवन का मुख्य ध्येय ‘ईश्वरप्राप्ति कैसे करनी है’, यह अंग्रेजी भाषा से नहीं सीखा जा सकता ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक