मानसिक नहीं, केवल शारीरिक प्रेम करनेवाले आजकल के पति-पत्नी !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘आज के काल में स्त्री पुरुषों में अधिकांशतः केवल शारीरिक प्रेम होता है । इस कारण उन्हें विवाह करने की भी आवश्यकता प्रतीत नहीं होती और यदि उन्होंने विवाह किया, तो वह स्थायी नहीं रहता । यदि उनकी एक दूसरे से ना बने, तो मानसिक प्रेम न होने के कारण वे जोडीदार परिवर्तित करते रहते हैं । विवाह किया हो, तो शीघ्र ही विवाह विच्छेद कर वे अलग हो जाते हैं ।’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक