इंदौर (मध्य प्रदेश) – ‘पूजा स्थान अधिनियम १९९१’ (प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट )का निरंतर उल्लंघन हो रहा है । यदि इस कानून को निरस्त कर दिया जाता है तो देश में विभिन्न धर्मों के अनुयायियों में अराजकता फैल जाएगी । ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यहां हुई बैठक में इस कानून को कठोरता से लागू करने की मांग साकार से की । यहां महू क्षेत्र के मदरसा में आयोजित दो दिवसीय बैठक में मुसलमानों द्वारा विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई । इस समय, यह विधान किया गया कि समान नागरिक संहिता सभी धर्मों के लिए हानिकारक है और उसी प्रकार पूरे देश में घृणा का वातावरण निर्माण कर बंधुभाव एवं सद्भाव को नष्ट किया जा रहा है । इस बैठक में ११ प्रस्ताव पारित किए गए । पूजा स्थल अधिनियम, समान नागरिक अधिनियम, समलैंगिक विवाह, बुलडोजर संस्कृति, उग्र भीड द्वारा हिंसा आदि पर चर्चा की गई ।
— Amar Ujala Lucknow (@AU_LucknowNews) June 5, 2023
१. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि किसी की भूमि पर अवैध स्वामित्व दिखाकर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती । (एक ओर यह कहना एवं दूसरी ओर वहां बने हिन्दू मंदिरों को गिराकर निर्मित मस्जिदों का समर्थन करना दोहरी सोच है ! यदि वहां नियंत्रण करना तथा वहां मस्जिदें बनाना इस्लाम में वर्ज्य है, तो मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं से बलपूर्वक छीने गए मंदिरों को वे वापस क्यों नहीं कर देते ? – संपादक)
२. सम्मेलन के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को किसी भी धर्म को अपनाने एवं मानने का मौलिक अधिकार दिया है । इसके साथ ही प्रचार करने की स्वतंत्रता भी दी है । जबकि कुछ राज्यों ने कानून बनाकर नागरिकों को इससे वंचित करने का प्रयास किया है ।
संपादकीय भूमिका‘पूजा स्थान अधिनियम १९९१’ कांग्रेस द्वारा १९९१ में पारित किया गया था । उसके पूर्व जब ऐसा कानून नहीं था, देश में कहीं भी अराजकता नहीं थी; तो अब कैसे आराजकता निर्माण होगी ? इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि ´ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड´ इस प्रकार का वक्तव्य देकर हिन्दुओं को धमकी देने का प्रयत्न कर रहा है ! |