गोहत्या रुकी, तो पृथ्वी पर स्थित सभी समस्याएं समाप्त होंगी !

तापी (गुजरात) जिला सत्र न्यायालय ने किया स्पष्ट !

तापी (गुजरात) – तापी जिला सत्र न्यायालय ने यह मत व्यक्त करते हुए कहा है कि गाय से धर्म का जन्म हुआ है; इसलिए गोहत्या रुकी, तो उससे पृथ्वी पर स्थित सभी समस्याएं समाप्त होंगी । महाराष्ट्र से गुजरात में गायों की तस्करी करनेवाले २२ वर्षीय गोतस्कर मोहम्मद आमीन आरिफ अंजुम को आजीवन कारावास का दंड सुनाते हुए न्यायालय ने यह मत व्यक्त किया । जुलाई २०२० में महाराष्ट्र से एक ट्रक में १६ गायों तथा गोवंश ले जाते समय उसे बंदी बनाया गया था ।

न्यायालय ने कहा कि,

१. धर्म का जन्म गाय से हुआ है; क्योंकि धर्म वृषभ के रूप में है तथा गाय के बच्चे को ही वृषभ कहते हैं । गाय का अस्तित्व मिट गया, तो यह ब्रह्मांड भी मिट जाएगा । वेदों के सभी ६ भागों की निर्मिति गाय के कारण हुई है; इसलिए गोहत्या अस्वीकार्य है ।

२. वर्तमान समय में ७५ प्रतिशत गोधन नष्ट हो चुका है तथा अब केवल २५ प्रतिशत गोधन ही बचा है । एक समय ऐसा आएगा कि लोग गाय का चित्र बनाना ही भूल जाएंगे । अब स्वतंत्रता के उपरांत ७० वर्ष से अधिक समय बीत चुका है । इस अवधि में गोहत्या बंद नहीं हुई है, अपितु वह चरमतक पहुंच गई है ।

३. सर्वत्र चिढचिढाहट एवं क्षोभ बढ रहा है, जिससे आज की ये समस्याएं उत्पन्न हुई हैं । इसका एकमात्र कारण गोहत्या है । जबतक गोहत्या संपूर्णतः बंद नहीं होती, तबतक सात्त्विक जलवायु का प्रभाव नहीं होगा । गोहत्या एवं गोतस्करी सभ्य समाज के लिए लज्जाप्रद हैं ।

४. गोरक्षा एवं गोपालन की चर्चा तो बहुत होती है; किंतु प्रत्यक्षरूप से उनका क्रियान्वयन नहीं होता । विज्ञान ने भी यह प्रमाणित किया है कि गाय के गोबर से बनाए गए घरों पर परमाणु बम से निकलनेवाली अतिनील किरणों का कोई परिणाम नहीं होता, साथ ही गोमूत्र का उपयोग अनेक बीमारियों के लिए किया जाता है ।

५. गाय केवल पशु नहीं है, अपितु वह माता है । उसके कारण ही उसे गोमाता कहा जाता है । गाय के जितना कृतज्ञ कोई नहीं है । एक गाय ६८ करोड पवित्र स्थानों तथा ३३ करोड देवताओं से युक्त जीवित ग्रह है ।

 … उस दिन पृथ्वी पर स्थित सभी समस्याएं समाप्त होंगी तथा पृथ्वी का कल्याण होगा !(चौखट में लें)

गोहत्या के विषय में बताते समय न्यायाधीश ने संस्कृत श्लोक उद्धृत किया तथा उसके साथ अन्य २ श्लोकों को भी उल्लेख किया । इन श्लोकों में ऐसा कहा गया है कि जहां गाय सुखी होती है, वहां धन एवं संपत्ति मिलती है । जहां गाय दुखी होती है, वहां धन एवं संपत्ति चले जाते हैं । गाय रुद्र की माता, वसू की पुत्री, आदितिपुत्रों की बहन तथा ध्रुरूप अमृत का कोष है । जिस दिन पृथ्वी पर गाय के लहू की एक बूंद भी नहीं गिरेगी, उस दिन पृथ्वी पर स्थित सभी समस्याएं समाप्त होकर पृथ्वी का कल्याण होगा ।

संपादकीय भूमिका 

सरकार पूरे भारत में गोहत्याबंदी कानून बनाकर गोहत्या रोकने के लिए कठोर कदम उठाए, यही हिन्दुओं की भावना है !