(कहते हैं) ‘द्वेष की भूमि पर राममंदिर का निर्माण किया जा रहा है !’

राष्ट्रीय जनता दल के बिहार प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह का द्वेषपूर्ण वक्तव्य !

राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह

पाटलीपुत्र (बिहार) – भारत की भूमि राममय तथा कृष्णमय मानी जाती थी । अब यह सब नष्ट हो गया है । अब राम रामायण से पलायन करेंगे । कण-कण से निकल जाएंगे । राम अब भारत के नहीं रहेंगे । अब केवल एक मंदिर में राम रहेंगे । द्वेष की भूमि पर राममंदिर की निर्मिति हो रही है । राम उसी एक मंदिर में बैठेगे ! राम लोगों के हृदयों में नहीं, अपितु पत्थरों में रहेंगे । संघवाले यही कर रहे हैं । हम ‘रामवाले’ हैं, ‘जय श्रीरामवाले’ नहीं संघवालों के राम कहीं भी बैठेंगे, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह ने ऐसी आलोचना की है । अयोध्या के विशाल श्रीराममंदिर के निर्माण कार्य की पृष्ठभूमि पर वे ऐसी अनर्गल बातें बोल रहे थे ।

जगदानंद सिंह ने आगे कहा कि उन्मादी लोग राम को बंदी बनाएंगे; परंतु राम का निवास शबरी की झोपडी में ही है । भारतीय जनता युगों से रामायण का पाठ करते आई है । सुबह-शाम रामनाम का जप कर रही है; क्योंकि उसमें जनता को राम मिलता है । संघ को यह ज्ञात नहीं कि लोगों के हृदय से राम को निकाल कर उसे पत्थर के विशाल भवन में बंद कर नहीं रख सकते ।

संपादकीय भुमिका

  • क्या जगदानंद सिंह ने कभी श्रीरामजन्मभूमि पर धार्मिक द्वेष से श्रीराममंदिर तोड कर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया, इस संदर्भ में मुंह खोला है ? इस देश में जब बाबरी का समर्थन करनेवाले धर्मांध थे, तब उन्होंने उनके विषय में क्या कभी मुंह खोला है ?
  • ‘चूंकि हिन्दू सहिष्णु हैं, वे कुछ भी कहें पर वे हमारे विरुद्ध कुछ नहीं कर सकते,’ हिन्दू द्वेषी तथा हिन्दू द्रोही की मानसिकता ही उन्हें ऐसे वक्तव्य देने को उद्युक्त करती है । हिन्दुओं को अब वैध मार्ग से उन्हें पाठ पढाना आवश्यक है !