‘भाईयों, हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा समर्थित ‘लव जिहाद’ ग्रंथ स्वयं पढिए और उसे अन्य १०० लोगों से पढवाइए । आगे दिख रहा ‘लव जिहाद’ का संकट ध्यान में आकर भी हमने स्वयं की लडकी को सतर्क नहीं किया, तो उसके लिए शिक्षक, अभिभावक और हिन्दू नेता दोषी प्रमाणित होंगे ।’ – ह.भ.प. चारुदत्त आफळे, राष्ट्रीय कीर्तनकार (दैनिक ‘सनातन प्रभात’, ९.१.२०१४)