सनातन प्रभात > Post Type > राष्ट्र-धर्म विशेष > राष्ट्र-धर्म लेख > राष्ट्र एवं धर्म > वृद्धावस्था की पूर्वसिद्धता के रूप में अभी से स्वयं को मनोलय की प्रकृति(आदत)लगाएं और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की प्रेरणा से स्थापित आध्यात्मिक संस्था निर्मित करनेवाले ‘साधक-वृद्धाश्रमों’ का महत्त्व समझिए ! > vruddhashram_clr-1 vruddhashram_clr-1 Share this on :TwitterFacebookWhatsapp Share this on :TwitterFacebookWhatsapp