नई देहली : पाकिस्तान एवं चीन का एक साथ आना भारत के लिए संकटकारी है । आतंकवाद को पाकिस्तान द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है, परंतु हम आतंकवाद को कभी सहन नहीं करेंगे; यह हमारी धारणा है । आतंकवादी कारनामों का प्रतिकार किया जाएगा । इस संदर्भ में सेनादल प्रमुख मनोज नरवणे ने कहा, ‘इसके लिए समय और स्थान हम निश्चित करेंगे ।’ उन्होंने आगे कहा कि यह संदेश हमने सीमा पार देश के लिए दिया है ।’ वे वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बात कर रहे थे । ‘सेना एवं गैर-सेना क्षेत्रों में चीन तथा पाकिस्तान में सहयोग बढ रहा है । इसलिए हमें दो मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा’, उन्होंने ऐसा भी कहा ।
सौजन्य : ABP NEWS
सेनादल प्रमुख नरवणे द्वारा प्रस्तुत सूत्र
१. हमने पहले भी चुनौतियों का सामना किया है । भारतीय सैनिकों ने लद्दाख में ही नहीं; अपितु प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर भी निगरानी गहन कर दी है । भारत और चीन के मध्य कमांडर स्तर की आठ बैठकें हुई हैं । शीघ्र ही ९ वीं बैठक आयोजित की जाएगी ।
२. सीमा पर शांति रहे, हम ऐसी अपेक्षा करते हैं; परंतु यदि सीमा पर किसी भी प्रकार का अनुचित कृत्य होता है, तो हम दो-दो हाथ करने के लिए पूरी तरह से सिद्ध हैं ।
३. भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए सेना को अधिकाधिक सुसज्ज बनाया जाएगा । इसके लिए तकनीक की सहायता ली जाएगी ।