‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’के माध्यम से विद्यालयों में जरूरतमंद बच्चों को आहार देने के लिए कार्यरत ‘इस्कॉन, बेंगळुरू’के अध्यक्ष पद्मश्री मधु पंडित दास !

भारतीय आध्यात्मिक एवं सामाजिक सेवा क्षेत्र के एक तेजस्वी व्यक्तित्त्व अर्थात पद्मश्री मधु पंडित दास ! दास ‘इस्कॉन’, बेंगळुरू शाखा के अध्यक्ष हैं । उनका जीवन तंत्रज्ञान एवं तत्त्वचिंतन का अनोखा संगम है जो भारतीय समाज को एक नई दिशा देनेवाला है ।

पद्मश्री मधु पंडित दास

विशेष सदर


छत्रपति शिवाजी महाराज के हिन्दवी स्वराज के लिए उनके वीर सैनिकों द्वारा किया गया त्याग सर्वाेच्च है, उसी प्रकार से आज भी अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ तथा राष्ट्रप्रेमी नागरिक राष्ट्र-धर्म की रक्षा हेतु ‘वीर योद्धा’के रूप में कार्य कर रहे हैं । उनकी तथा उनके हिन्दू धर्मरक्षा के कार्य की जानकारी करानेवाले ‘हिन्दुत्व के वीर योद्धा’ इस स्तंभ से अन्यों को भी प्रेरणा मिलेगी । इन उदाहरणों से आपके मन की चिंता दूर होकर आप में उत्साह उत्पन्न होगा ! – संपादक

१. जन्म एवं शिक्षा

मधु पंडित दासजी का जन्म कर्नाटक के उडुपी की पवित्र भूमि पर हुआ । उन्होंने अपनी अभियांत्रिकी शिक्षा ‘आइआइटी मुंबई’में पूर्ण की । आगे उन्हें हुई आध्यात्मिक प्रेरणा से उन्होंने ‘इस्कॉन’ नामक आध्यात्मिक संस्था में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया । यह समर्पण केवल उनके जीवन का ही नही, अपितु सहस्रों लोगों के जीवन का मार्ग बदलनेवाला सिद्ध हुआ ।

२.  बेंगळुरू में ‘इस्कॉन’के मठ का आधुनिक मठ में रूपांतर

श्री. मधु पंडित दास ने बेंगळुरू के ‘इस्कॉन’ मठ को केवल धार्मिक मंदिर रूप में न रखते हुए भारतीय शिल्पकला, अभियांत्रिकी एवं अध्यात्म का संगम, ऐसा एक प्रेरणास्थान बनाया है । राजाजीनगर में श्री राधा-कृष्ण मंदिर उसका सजीव प्रतीक है ।

३. तकनीक द्वारा विकास 

मंदिरनिर्मिति, पर्यटन एवं श्रद्धा के क्षेत्र में आधुनिक तंत्रज्ञान का उपयोग कर उन्होंने धार्मिक अनुभव अधिक सुलभ किया है  । वे तकनीक की सहायता से संस्कृति की सेवा करनेवाले आदर्श (ROLE MODEL) बन गए हैं ।

४. मधु पंडित दासजी की विशेषताएं 

अ. अध्यात्म एवं प्रशासन का समतोल उपयोग करनेवाली विशिष्ट नेतृत्व शैली

आ. धर्म के प्रसार के लिए तंत्रज्ञान पर आधारित वैज्ञानिक साधनों का उपयोग

इ. ‘इस्कॉन’ केंद्र में अनुशासन, स्वच्छता एवं सेवाभाव का अविरत विकास कार्य ।

मुझे मिला हुआ ‘पद्मश्री’ पुरस्कार अर्थात ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’की विनम्रता का द्योतक !

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पद्मश्री पुरस्कार स्वीकारते हुए मधु पंडित दास


मुझे मिला ‘पद्मश्री’ पुरस्कार, ‘अक्षय पात्र’ कार्यक्रम के माध्यम से सरकारी विद्यालय के बच्चों में पोषण शिक्षण के कार्य का नेतृत्व करने की हमारी विनम्र सेवा का द्योतक है । ‘इस्कॉन’के संस्थापक श्रील स्वामी प्रभुपाद का स्वप्न था कि जरूरतमंद बच्चों की सेवा अन्न एवं शिक्षा के माध्यम से होनी चाहिए, वह हमारे फाउंडेशन के कार्य के माध्यम से देश के अनेक भूखे हुए बच्चों तक पहुंच रही है, यह मेरे लिए और संस्था के सभी सहयोगियों के लिए प्रेरणा है । इन जरूरतमंद बच्चों को दर्जेदार अन्न और शिक्षा की आवश्यकता है । जिससे उत्तम चरित्र के नागरिक तैयार होंगे । ये बच्चे हमारे राष्ट्र की खरी संपत्ति हैं ।

– पद्मश्री मधु पंडित दास

५. सम्मान एवं पुरस्कार

अ. ‘अक्षय पात्र योजना’द्वारा समाजसेवा के कारण मधु पंडित दास को वर्ष २०१६ में भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया ।

आ. ‘युनिसेफ’, ‘युनेस्को’ आदि संस्थाओं द्वारा, इसके साथ ही अनेक राष्ट्रीय एवं आंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया है ।

इ. भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में दिए योगदान के विषय में ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’को वर्ष २०१६ का प्रतिष्ठित ‘गांधी शांति पुरस्कार’ पद्मश्री मधु पंडित दास को प्रदान किया गया है । यह पुरस्कार तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्तों एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में दास को प्रदान किया गया ।

६. दासजी के सहयोग से चलनेवाले मंदिर

अ. श्री राधा-कृष्ण मंदिर, बेंगळुरू : शिल्पकला, विद्युत् तंत्रज्ञान एवं भक्ति का संगम ।

आ. आनंद वृंदावन धाम : धार्मिक पर्यटन एवं आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र ।

इ. वृंदावन चंद्रोदय मंदिर : जग में सबसे ऊंचे धार्मिक टॉवरों में से एक, यह प्रकल्प वृंदावन की धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक  है ।

‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ : बच्चों का भविष्य बनानेवाली योजना

जरूरतमंद बच्चों को परोसते हुए योगी आदित्यनाथ, राम नाईक, नरेंद्र मोदी एवं दासजी

भारतभर के लाखों विद्यार्थियों को मध्यान्ह पोषण आहार देनेवाले ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ उपक्रम के श्री. दास प्रमुख संस्थापक हैं । यह योजना केवल भोजन ही नहीं, अपितु शिक्षा एवं पोषण के अधिकार को कार्यान्वित करनेवाली क्रांति सिद्ध हुई है ।

मधु पंडित दासजी ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’के एक दूरदर्शी नेतृत्व हैं और उन्होंने जुलाई २००० में बेंगळुरू ग्रामीण जिले के सरकारी विद्यालयों में वंचित बच्चों को विद्यालयीन भोजन देने के लिए प्रथम केंद्रीकृत रसोईघर योजनाबद्ध रीति से शुरू किया । ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ यह संस्था भारत सरकार एवं राज्य सरकार के साथ कार्य करती है और शिक्षा, इसके साथ ही बाल कल्याण क्षेत्र में सबसे उल्लेखनीय कार्य कर रही है । दास के प्रेरणादायी नेतृत्व में ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ने गत २५ वर्षाें में १५०० बच्चों को विद्यालयीन भोजन देने से शुरू की गई योजना में आज उसके अंतर्गत १५ लाख बच्चे आहार ले रहे हैं । इससे ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’का यह उपक्रम जग में सबसे बडी स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित उपक्रम बन गया है । ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ने निरंतर ५ बार वित्तीय ब्योरे में उत्कृष्टता के लिए ‘इन्स्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटंट्स ऑफ इंडिया’का ‘गोल्ड शील्ड पुरस्कार’ जीता है और उसके प्रतिष्ठित ‘हॉल ऑफ फेम’में स्थान प्राप्त किया है ।

७. सारांश 

पद्मश्री मधु पंडित दास आज के काल के आध्यात्मिक एवं मानवता के प्रतीक हैं । उन्होंने धर्म को केवल उपासना का विषय न रखते हुए समाजसंगठन की शक्ति में रूपांतर किया है । ‘अक्षय पात्र’ योजना द्वारा लाखों बच्चों के हंसते चेहरों में उनकी ध्वनि सुनाई देती है । उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग सिद्ध करता है कि आध्यात्मिक जीवन और सामाजिक भाईचारा साथ-साथ संजोया जा सकता है ।