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जम्मू – भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाते हुए बड़ी कार्रवाई शुरू की है। चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पानी का प्रवाह रोकने के बाद अब सलाल बांध से भी पानी रोका गया है। इसके अलावा, झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी प्रकार की रणनीति बनाई जा रही है। सिंधु जल संधि को रद्द करने के बाद भारत के इस निर्णय से पाकिस्तान पर भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
🚨 Chenab runs dry near Pakistan!
🇮🇳 Shuts sluice gates of Salal & Baglihar dams after Pahalgam terror attack
🌊 Water dips below waist level in J&K’s Akhnoor — locals stunned!
⚡️ Part of India’s diplomatic offensive against 🇵🇰 #IndiaPakistanWar pic.twitter.com/BhdNqpzQ59
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 5, 2025
१. पहलगाम में हुए आतंकी हमले में २६ लोगों की मृत्यु के बाद भारत ने ‘सिंधु जल संधि’ को समाप्त करने का निर्णय लिया। विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह संधि वर्ष १९६० से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित कर रही थी।
२. रामबन जिले में स्थित बगलिहार बांध दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। पाकिस्तान ने पहले भी इस विवाद में विश्व बैंक से मध्यस्थता की मांग की थी।
३. भारतीय अधिकारी अखनूर से एक और बड़ा नहर (कालवा) बनाने पर विचार कर रहे हैं, जिससे जम्मू ज़िले के रामगढ़ सहित अन्य क्षेत्र, साथ ही सांबा और कठुआ ज़िलों का कुछ भाग सिंचाई के लिए उपलब्ध हो सकेगा।
४. अखनूर, जौरियां एवं खौर क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली पुरानी प्रताप नहर को आगे ले जाने और पानी को अंतिम छोर तक पहुंचाने की संभावना भी जांची जा रही है।
५. परगलवाल सेक्टर, साथ ही घरोटा और कोट भालवाल के कांडी पट्टी क्षेत्र के अनुमानित ३५ गांवों को चिनाब नदी के पानी का लाभ देने की योजना है, ऐसा सूत्रों ने बताया।