India Can Block Kabul River : भारत अफगानिस्तान की काबुल नदी का पाकिस्तान की ओर जाने वाला पानी भी रोक सकता है!

पाकिस्तान के भू-राजनीतिक विषयों के विशेषज्ञ का कथन 

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – भारत का उद्देश्य युद्ध करना नहीं, बल्कि पाकिस्तान की जल आपूर्ति को रोकना था। भारत के हाल के साहसी निर्णयों के पीछे असली उद्देश्य पाकिस्तान के पानी को रोकना है। भारत सिर्फ चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों को ही नहीं रोकना चाहता, अपितु अफगानिस्तान से बहने वाली काबुल नदी को भी 12 स्थानों पर रोकना चाहता है। ऐसी आशंका पाकिस्तान की भू-राजनीतिक विषयों की विशेषज्ञ डॉ. हुमा बकाई ने ‘जिओ न्यूज’ चैनल के एक कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार हमीद मीर से बातचीत के समय जताई। हालांकि भारत सरकार ने इस आशंका पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।

पहलगाम में हुए आतंकी आक्रमण के बाद भारतीय राजदूतों ने तालिबान सरकार के उच्च अधिकारियों से भेंट की थी, जिससे इस आशंका को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है ।

डॉ. हुमा बकाई ने आगे कहा कि अगर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में जाना है, तो उसे जल संकट का विषय उठाना चाहिए।

क्या भारत अफगानिस्तान की नदियों को रोकेगा?

1. काबुल नदी का उद्गम अफगानिस्तान में होता है और पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद यह खैबर पख्तूनख्वा के कई हिस्सों के लिए जीवनरेखा बन जाती है।

2. इस नदी का पानी पेशावर, नौशेरा, अटोक और सिंधु नदी के संगम तक पहुंचता है। यह यहां की कृषि और जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है।

3. पाकिस्तान ने नदियों को लेकर अफगानिस्तान के साथ कोई समझौता नहीं किया है, इसलिए यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर है।

4. भारत ने काबुल नदी पर 12 बांध बनाए हैं, जिनके लाभ अब दिखाई दे रहे हैं। भारत इन जल प्रबंधन परियोजनाओं पर अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है। इन परियोजनाओं के माध्यम से भारत अफगानिस्तान को ऊर्जा और सिंचाई क्षेत्र में सहायता प्रदान करता है। इसलिए अगर इन बांधों का पानी रोका गया, तो अफगानिस्तान की नदियों से पाकिस्तान को होने वाली जल आपूर्ति बंद हो सकती है। इसके जरिए भारत बिना एक भी गोली चलाए पाकिस्तान को घुटने टेकने पर विवश कर सकता है।

5. काबुल नदी के जल प्रवाह पर नियंत्रण से पाकिस्तान के पश्तून क्षेत्रों में और अधिक अस्थिरता पैदा हो सकती है, जहां पहले से ही सेना के विरुद्ध भारी असंतोष है।

6. पाकिस्तान की दूसरी समस्या यह है कि उसके पास जल संग्रहण के लिए कोई भी बड़ा स्रोत नहीं है, जबकि भारत ने अफगानिस्तान में शाहतूत बांध, सलमा बांध जैसे प्रोजेक्ट पहले ही बना लिए हैं।