Taslima Nasrin On Islam : जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद भी रहेगा ! – बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन

बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का वक्तव्य !

नई दिल्ली – यूरोप में गिरजाघरों को संग्रहालयों में परिवर्तित कर दिया गया है; किन्तु इसके विपरीत मुसलमान सर्वत्र मस्जिद बनाने में व्यस्त हैं । वर्तमान में वहां सहस्त्रों मस्जिदें हैं तथा वे अधिकाधिक मस्जिदें बनाना चाहते हैं । उनमें जिहादियों का निर्माण होता है । वास्तव में मदरसे होने ही नहीं चाहिए । जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद भी रहेगा । बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मुसलमान बच्चों को केवल एक ही नहीं, अपितु सभी प्रकार की पुस्तकें पढनी चाहिए ।

तस्लीमा नसरीन ने आगे कहा,

१. इस्लाम १,४०० वर्षों के दीर्घकाल में भी विकसित नहीं हुआ है । जब तक विकास नहीं होगा, इस्लाम आतंकवादियों को जन्म देता रहेगा ।

२. २०१६ के ढाका आक्रमण में मुसलमानों को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वे ‘कलमा’ (अल्लाह की प्रशंसा में किया जाने वाले शब्द ) नहीं बोल सकते थे । ऐसा तब होता है, जब आस्था को तर्क और मानवता पर नियंत्रण रखने की अनुमति मिल जाती है ।

३. मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थायी निवासी हूं । मैं वहां १० वर्षों तक रही; किन्तु मुझे सदा एक बाहरी व्यक्ति जैसा अनुभव होता रहा । कोलकाता पहुंचने के उपरांत ही मुझे घर जैसी अनुभूति हुई । बंगाल से निकाले जाने के उपरांत भी मुझे दिल्ली में दूसरा घर मिल गया । इस देश ने मुझे अपनत्व की वह अनुभूति दी है, जो मेरा अपना देश मुझे नहीं दे सका ।

४. प्रत्येक सभ्य देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए, यहां तक कि भारत में भी । *मैं उसका समर्थन करती हूं । इस्लामी मौलवी मात्र कुरान को सर्व अधिकार देते हैं किन्तु अधिकार कभी भी धार्मिक नहीं होने चाहिए ।

संपादकीय भूमिका

यदि किसी हिन्दू ने ऐसा वक्तव्य दिया होता तो अब तक उसकी आलोचना हो चुकी होती, उस पर मुसलमान द्वेषी, धर्मनिरपेक्ष-विरोधी, आतंकवाद-विरोधी आदि होने का आरोप लगाया गया होता ! चूंकि यह मुसलमान महिला *ऐसा कह रही है, इसी कारण धर्मनिरपेक्षतावादी इस पर चुप हैं !