संयुक्त राष्ट्र ने पारित प्रस्ताव में पहलगाम आतंकी आक्रमण की निंदा की !

नई दिल्ली – पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री तथा विदेश मंत्री इशाक डार ने पाकिस्तानी संसद में निर्लज्जता से स्वीकार किया है कि उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी आक्रमण के लिए उत्तरदायी आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टी.आर.एफ.) का नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव से हटा दिया है । पाकिस्तान वर्तमान में इस परिषद के १० सदस्यों में से एक है, जिनमें से प्रत्येक को २ वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना जाता है । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पारित किसी भी प्रस्ताव के लिए सदस्य देशों की सहमति आवश्यक होती है । पाकिस्तान ने इस नियम का उपयोग आतंकवादियों को बचाने के लिए किया है ।
🔴 Pakistan’s terror nexus exposed!
Islamabad misused its position as a UNSC non-permanent member to:
1️⃣ Omit TRF (The Resistance Front) from the statement on the #PahalgamTerroristAttack2️⃣ Remove ‘Pahalgam’ from the UN press note altogether
Shameful whitewashing of terrorism… pic.twitter.com/DBRdRqk1sY
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 30, 2025
टी.आर.एफ. यह लश्कर-ए-तैयबा से संबद्धित एक आतंकवादी संगठन है । इस संगठन ने प्रारंभ में पहलगाम में हुए आतंकवादी आक्रमण का उत्तरदायित्व स्वीकार किया था एवं उपरांत में इससे असहमति व्यक्त की । भारत ने अभी तक आधिकारिक स्तर पर इस आक्रमण के लिए टी.आर.एफ. को उत्तरदायी नहीं ठहराया है ।
इशाक डार ने पाकिस्तानी संसद में कहा कि,
१. पहलगाम में हुए आतंकवादी आक्रमण की निंदा करने वाला प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रस्तुत किया गया तथा इसमें केवल पहलगाम का उल्लेख किया गया, जम्मू तथा कश्मीर का नहीं । पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताई । इस प्रस्ताव में टी.आर.एफ. को आक्रमण के लिए उत्तरदायी ठहराया गया । यह प्रस्ताव पाकिस्तान को स्वीकार नहीं था तथा इसलिए पाकिस्तान ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने पर असहमति जताई ।
२. हमने संयुक्त राष्ट्र में अपने स्थायी प्रतिनिधि से कहा कि वे इस प्रस्ताव का विरोध करें तथा पहलगाम के साथ जम्मू-कश्मीर का नाम भी लिखें तथा प्रस्ताव से टी.आर.एफ. का नाम हटा दें ।
३. इसके उपरांत कई देशों ने दूरभाष करके पूछा, “आप प्रस्ताव क्यों बदल रहे हैं ?” लेकिन पाकिस्तान अडा रहा तथा प्रस्ताव बदलने तथा टी.आर.एफ. का नाम हटाने पर अडिग रहा ।
४. यदि इस आक्रमण में टी.आर.एफ. सम्मिलित था तो प्रमाण क्या है ? बिना प्रमाण के संगठन का नाम प्रस्ताव में सम्मिलित नहीं किया जाना चाहिए । टी.आर.एफ. ने आक्रमण का उत्तरदायित्व नहीं लिया है । अपने वक्तव्य में मंत्री आतंकवादी संगठन को बचाने का पूरा प्रयत्न कर रहे हैं यह दिखाई दिया ।
संपादकीय भूमिका
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