सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ की संभावित अडचनें, उनके पीछे के कारण तथा उन्हें दूर करने हेतु आध्यात्मिक उपाय !

२२.४.२०२५ को पहलगाम (जम्मू एवं कश्मीर) में हुए आतंकवादी आक्रमण में २८ लोगों की मृत्यु हुई । इस घटना के कारण भारत तथा पाकिस्तान में प्रचंड तनाव बढ गया है एवं युद्धजन्य परिस्थिति निर्माण हो गई है । ‘इसके पीछे सूक्ष्म कारण कौन से हैं ? इस घटना के कारण १७ से १९ मई २०२५ तक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ८३ वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हाेनेवाले ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ में कौनसी बाधाएं आ सकती हैं ? तथा उस पर आध्यात्मिक उपाय’, के संदर्भ में भगवान की कृपा से, मुझे सूक्ष्म से प्राप्त ज्ञान आगे दिया है ।

‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का बोधचिन्ह

१. वर्ष २०२५ से धर्म-अधर्म का स्थूल से युद्ध प्रारंभ होना

कलियुग में अनिष्ट शक्तियों के कारण सनातन धर्म का पतन वेग से हो रहा है । कालमहिमा अनुसार, ईश्वरीय नियोजन तथा संतों द्वारा किए कार्य, इनसे आगे सनातन धर्म की स्थिति में अच्छे परिवर्तन होंगे । ‘ऐसा न हो’, इसलिए वर्ष २०२५ से अनिष्ट शक्तियां स्थूल से कार्य करने लगी हैं । परिणामस्वरूप भारत तथा पाकिस्तान राष्ट्रों में युद्धजन्य परिस्थिति निर्माण हुई है ।

श्री. राम होनप

२. अनिष्ट शक्तियों का आगामी दोहरा नियोजन !

भारत, सनातन धर्म का आधारस्तंभ है । सप्तपातालों में सनातन धर्म का विरोध करनेवाली असंख्य अनिष्ट शक्तियां हैं । उनमें से ७५ प्रतिशत अनिष्ट शक्तियों को ‘भारत-पाकिस्तान युद्ध आरंभ हो जाए तथा उसमें भारत नष्ट हो’, इसके लिए प्रयत्न करना है’ तथा २५ प्रतिशत अनिष्ट शक्तियों को ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ बंद करना है’, ऐसा दोहरा नियोजन किया है ।

३. अनिष्ट शक्तियों द्वारा ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का विरोध करने का कारण

सनातन धर्म को आगे शुभ काल प्राप्त होगा । उसके पीछे अनेक कारण हैं । उनमें से एक कारण है ‘परात्पर गुरु डॉक्टरजी का अवतारी कार्य’ ! परात्पर गुरु डॉक्टरजी के अस्तित्व के कारण पाताल की अनिष्ट शक्तियों का प्रभाव कम होने लगा है इसलिए वे चिढ गई हैं । अत: वे परात्पर गुरु डॉक्टरजी के जन्मोत्सवनिमित्त आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का सूक्ष्म से तीव्र विरोध कर रही हैं ।

– श्री. राम होनप (सूक्ष्म से प्राप्त हुआ ज्ञान), सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (२५.४.२०२५)

‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ की अडचनें दूर हों इसलिए आध्यात्मिक स्तर पर यह उपाय करें !

वर्तमान काल में ‘भक्तों की रक्षा करना तथा धर्मस्थापना करना’,  यह कार्य जगद्गुरु भगवान श्रीकृष्ण का है । इसलिए देश-विदेश के साधक, संत तथा सद्गुरु  ‘स्वयं की रक्षा हो तथा ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ की अडचनें दूर हों’, इसलिए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।’ का नामजप ३ दिन प्रतिदिन १ घंटा करें । आध्यत्मिक स्तर का यह उपाय जितना शीघ्र संभव हो उतना शीघ्र पूर्ण करें ।’