पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनके भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सलाह

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की घोषणा की है । पाकिस्तान ने भी भारत के हमले का “जैसे को तैसा” जवाब देने की बात कही है । इस पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाई नवाज शरीफ ने उन्हें भारत के साथ युद्ध न करने की सलाह दी है । नवाज शरीफ ने कहा है, “भारत के खिलाफ युद्ध की दिशा में कदम न बढाएं, अपितु कूटनीतिक रूप से तनाव कम करने पर जोर दें ।”
तुर्किये ने पाकिस्तान को दिए ड्रोन !

भारत ने भूकंप के समय तुर्किये की बडी मदद की थी, फिर भी वर्तमान स्थिति में तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन किया है । भारत के विरुद्ध लडने के लिए तुर्किये ने पाकिस्तान को बडी मात्रा में हथियार भेजे हैं । तुर्किये की वायुसेना का मालवाहक विमान २७ अप्रैल को कराची हवाई अड्डे पर उतरा है । इस विमान में तुर्किये के ‘बायरकतार’ ड्रोन और अन्य हथियार है । तुर्किये ने कुल ६ मालवाहक विमान पाकिस्तान को भेजे हैं । ये विमान इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर भी उतारे गए हैं । (भारत को पाकिस्तान के विरुद्ध लडने के लिये ऐसे सहायता करने वाला कोई एक देश दुनिया में है क्या ? – संपादक)
आतंकवादियों को सहायता करने वाले १५ स्थानीय कश्मीरी मुसलमानों की पहचान हुई
पहलगाम में हुए हमले में आतंकवादियों को स्थानीय कश्मीरी मुसलमानों ने सहायता की, ऐसा शक जताया गया है । इन १५ मुसलमानों की पहचान हो चुकी है । (इन्हें पकडकर फांसी की सजा दिलवाने का प्रयास होना चाहिए, तभी दूसरों को सबक मिलेगा । कश्मीर में आतंकवाद खत्म न होने के पीछे वहां की जिहादी मानसिकता वाले मुसलमान जिम्मेदार हैं । उन्हें विकास तो चाहिए, लेकिन हिन्दू और भारत का हस्तक्षेप नहीं चाहिए । इसी कारण वहां हिन्दुओं का पुनर्वास नहीं हो पाया है । यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र में बदली जाएगी ! – संपादक) राष्ट्रीय जांच एजेंसी उनकी जांच कर रही है । इन स्थानीय मुसलमानों ने आतंकवादियों के लिए सामग्री की व्यवस्था करने के अलावा पाकिस्तान से हथियारों का भंडार भी प्राप्त किया था, ऐसा बताया गया है । इन १५ में से ३ को गिरफ्तार किया गया है । इस हमले से संबंध खोजने के लिए २०० से अधिक मुसलमानों को पूछताछ के लिए कब्जे में लिया गया है । संदेह है कि आतंकवादी अभी भी पहलगाम के घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं ।