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इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – भारत द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध ५ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के नेतृत्व में २४ अप्रैल को आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत के विरुद्ध कुछ बडे निर्णय लिए गए हैं । इनमें भारत के साथ व्यापार पर प्रतिबंध, वाघा सीमा को बंद करना, भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है । भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान छोडने का आदेश दिया गया है । साथ ही यह भी कहा गया है कि “पाकिस्तान भारत के साथ किए गए सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने का अधिकार रखता है, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है ।”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है ,
सिंधु जल समझौता रद्द करना, युद्ध की कार्यवाही है !
भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को रद्द करना पाकिस्तान को पूरी तरह अस्वीकार्य है । यह एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसमें एकतरफा निलंबन का कोई प्रावधान नहीं है । पानी पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है, जो उसकी २४ करोड जनता की जीवनरेखा है और इसकी उपलब्धता किसी भी स्थिति में सुरक्षित रखी जाएगी । सिंधु जल समझौते के अनुसार पाकिस्तान के जल प्रवाह को रोकने या मोडने का और निचले क्षेत्रों में उसके अधिकारों का उल्लंघन करने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा और इसका जवाब राष्ट्रीय शक्ति की पूरी क्षमता से दिया जाएगा ।
सिखों को छोडकर अन्य भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द
पाकिस्तान ने सार्क वीजा छूट योजना के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को दिए गए सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं और सिख धार्मिक यात्रियों को छोडकर ये सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं । वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को ४८ घंटों के भीतर वहां से निकलने के निर्देश दिए गए हैं । सलाहकारों के सहायक कर्मचारियों को भी भारत लौटने के निर्देश दिए गए हैं । भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या कम कर दी गई है ।