Pahalgam Attack Muslim Protest : कश्मीर में मस्जिदों से पहलगाम आक्रमण का विरोध !

  • कई स्थानों पर बंद किया गया !

  • मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन !

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – कश्मीरी नागरिकों ने पहलगाम में हुए आतंकवादी आक्रमण की निंदा की है । पहलगाम में लोगों ने मोमबत्ती जलाकर आक्रमण का विरोध किया, जबकि कश्मीर में अनेक स्थानों पर बंद रखा गया । कई मस्जिदों ने आक्रमण की निंदा की । “यह आक्रमण इस्लाम एवं मानवता के विरुद्ध है ।” मस्जिदों से घोषणा की गई , “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता तथा यह आक्रमण कश्मीर की शांति एवं एकता को नष्ट करने का षड्यंत्र है ।”

१. मस्जिदों में नारे लगाए गए, “कश्मीर हमारा घर है तथा हम इसे आतंकवादियों के हाथों में नहीं पडने देंगे ।” यह भी मांग की गई कि “ऐसे कायराना आक्रमण करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ।”

२. किश्तवाड की एक मस्जिद ने कहा,  “सम्पूर्ण इस्लामी समुदाय पहलगाम में हुए आक्रमण की कडी निंदा करता है तथा सरकार से जांच की मांग करता है ।” जो भी अपराधी हैं उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ।’ इस आक्रमण के विरोध में २३ अप्रैल को किश्तवाड में बंद रखा गया ।

३. बारामूला तथा श्रीनगर में स्थानीय लोगों ने आक्रमण के विरोध में मोमबत्ती जलाकर शोक यात्रा निकाली । श्रीनगर का सदा चहल-पहल वाला लाल चौक आक्रमण के उपरांत पूर्णरूपेण खाली हो गया । जम्मू के कटरा में भी बंद देखा गया, जिसके फलस्वरूप श्री वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को कष्ट उठाना पडा ।

पंजाब में भी मुसलमानों द्वारा विरोध प्रदर्शन !

पहलगाम में नागरिकों के ऊपर हुए आक्रमण की पंजाब के लुधियाना में मुसलमानों ने निंदा की । उन्होंने यहां जामा मस्जिद के बाहर आतंकवादियों के पुतले जलाए। इस बारे में मुसलमान नेता मोहम्मद मुस्तकीम ने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा निहत्थे लोगों पर किया गया आक्रमण निंदनीय है । संपूर्ण मुसलमान समुदाय इसका विरोध करता है ।

संपादकीय भूमिका

  • मुसलमानों को मात्र विरोध प्रदर्शन करके ही नहीं रुकना चाहिए, अपितु उन स्थानीय मुसलमानों का भी विरोध करना चाहिए जो इन आतंकवादियों की सहायता करते आ रहे हैं एवं पुलिस की उन राष्ट्रद्रोहियों के विरुद्ध कार्रवाई करने में आगे बढकर सहायता करनी चाहिए !
  • इसके साथ ही स्थानीय मुसलमानों को कश्मीर से विस्थापित हिन्दुओं के पुनर्वास के लिए पहल करनी चाहिए तथा उनकी संपत्ति पर अतिक्रमण हटाने में भी सहायता करनी चाहिए !