S Y Quraishi On Waqf Bill : (और इनकी सुनिए..) ‘वक्फ अधिनियम मुसलमानों की भूमि हड़पने की सरकार की भयानक योजना है !’

भारत के पूर्व चुनाव आयोग आयुक्त एस.वाय. कुरैशी के अंदर का ‘मुसलमान’ जाग गया !

भारत के पूर्व चुनाव आयोग के आयुक्त एस.वाय. कुरैशी

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – केंद्र सरकार का वक्फ अधिनियम निस्संदेह मुसलमानों की भूमि हड़पने के लिए सरकार की एक भयानक योजना है, ऐसा कहते हुए भारत के पूर्व चुनाव आयोग के आयुक्त एस.वाय. कुरैशी ने सरकार की आलोचना की । कुरैशी ने आगे कहा, “मुझे विश्वास है कि सवर्ॅच्च न्यायालय इस पर प्रश्न उठाएगा ।” भाजपा की अपप्रचार व्यवस्था ने गलत सूचना प्रसारित करने में बड़ा काम किया है ।

आप चुनाव आयुक्त नहीं थे, अपितु मुस्लिम आयुक्त थे ! – सांसद निशिकांत दुबे

एस.वाय . कुरैशी के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कुरैशी को संबोधित करते हुए कहा, “आप चुनाव आयुक्त नहीं थे, अपितु केवल एक मुस्लिम आयुक्त थे ।” दुबे ने कुरैशी से आगे कहा, “आपके कार्यकाल के समय झारखंड के संथाल परगना जिले में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय मतदाता बना दिया गया ।” मोहम्मद पैगम्बर का इस्लाम धर्म भारत में वर्ष ७१२ में आया । उससे पहले, यह भूमि हिन्दुओं, आदिवासियों, जैनियों तथा बौद्धों की थी । हमें इस देश के लोगों की एकता बढ़ानी होगी । देश को एकजुट करो, इतिहास बचाओ । इस देश को दो भागों में बांटकर पाकिस्तान का जन्म हुआ । “अब देश का पुनः विभाजन नहीं होगा ।”

हाल ही में दुबे ने वक्फ एक्ट को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश पर बयान देते हुए कहा था, “मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना भारत में यादवी युद्ध के लिए उत्तरदायी हैं ।” इसलिए उनकी आलोचना की गई । भारतीय जनता पक्ष ने मुख्य न्यायाधीश के संबंध में उनके वक्तव्य से स्वयं को अलग कर लिया था ।

प्रसारमाध्यम में हिन्दू द्वेष!

इस घटना का वृत्त प्रसारित करते समय सभी प्रसार माध्यमों ने दुबे के बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया, जबकि कुरैशी का बयान समाचार के नीचे एक अथवा दो पंक्तियों में ही प्रकाशित हुआ ।

संपादकीय भूमिका

  • कुरैशी के बयान से यह कहावत स्पष्ट होती है कि, ‘कोई मुसलमान चाहे कितने भी ऊंचे पद पर क्यों न हो, वह पहले मुसलमान ही है ।’ लोग यह नहीं भूले हैं कि देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी ने भी पिछले दिनों ऐसा ही बयान दिया था !
  • इससे कुरैशी हिन्दू मंदिरों तथा निर्धन हिन्दुओं के घरों को जब्त करने में वक्फ बोर्ड की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं ! क्या ऐसे व्यक्ति ने पद पर रहते हुए पारदर्शिता से कार्य किया होगा ? इसलिए ऐसे लोगों द्वारा उनके कार्यकाल के समय लिए गए निर्णयों की जांच होनी चाहिए !