पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय का दावा

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने नहीं दिया है । जून २०१९ में भारत के पक्ष में निर्णय देते हुए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव को भारतीय दूतावास से संपर्क करने, साथ ही न्यायिक सहायता देने का निर्णय दिया था । इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने पाक से कुलभूषण जाधव को सुनाए गए फांसी के दंड पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया था । ‘न्यायालय के इस निर्णय में अपील करने के अधिकार का उल्लेख नहीं था’ ऐसा पाक के रक्षा मंत्रालय के अधिवक्ता ख्वाजा हरिस अहमद ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा ।
Pakistani Defence Ministry says Kulbhushan Jadhav, jailed since 2016 on spying charges, has no right to appeal.
Despite the 2019 ICJ ruling granting consular access, appeal denied.
🇮🇳 India says he was kidnapped from Iran, rejects espionage charges⚖️pic.twitter.com/nKmM8iNGvu
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 20, 2025
१. ९ मई २०२३ को इमरान खान को बंदी बनाने के बाद हुए दंगों में कथित भूमिका के लिए सैनिक न्यायालयों द्वारा दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी नागरिकों के प्रकरणों से संबंधित यह सुनवाई थी । जाधव को भी अपील करने का समान अधिकार दिया गया है क्या ? और सैनिक न्यायालयों में दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी नागरिकों को यह सुविधा क्यों नहीं दी गई ?, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा तो, रक्षा मंत्रालय के अधिवक्ता ने उपरोक्त उत्तर दिया ।
२. अधिवक्ताओं ने माना कि पाकिस्तान ने ‘वियना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस’ (यह एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जो राजनयिक संबंधों के नियम निश्चित करता है । १९६१ में वियना (ऑस्ट्रिया) में किया गए अनुच्छेद ३६ का उल्लंघन किया है, जिसमें ऐसा कहा गया है कि यदि किसी देश के नागरिक को दूसरे देश में बंदी बनाया जाता है, तो उसे अपने देश के दूतावास से संपर्क करने, मिलने तथा कानूनी सहायता लेने का अधिकार है ।
३. इससे पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के अधिवक्ताओं ने कुलभूषण जाधव को दिए गए सीमित अधिकार पाकिस्तानी नागरिकों को भी नहीं दिए जा रहे हैं, यह दिखाने के लिए उनका मुकदमा उपस्थित किया था ।
४. पाकिस्तान का दावा है कि, कुलभूषण जाधव को वर्ष २०१६ में जासूसी तथा आतंकवाद के आरोपों के अंतर्गत बलूचिस्तान से बंदी बनाया गया था । भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को निरस्त कर दिया तथा कहा कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव का ईरान के चाबहार बंदरगाह से अपहरण किया गया था ।
संपादकीय भूमिकाअंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेशों को अपने स्वार्थ के अनुसार बदलने वाला पाकिस्तान ! इसके विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को पाक से उत्तर मांगना चाहिए ! |