
- सप्तर्षि जीवनाडी-पट्टिका के वाचक पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी ने किया होम का आयोजन !
- वाराहीदेवी पीठ के गुरुजी श्री गणपति सुब्रह्मण्य स्वामी ने किया होम !
- सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की होम में रही वंदनीय उपस्थिति !

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी द्वारा होम के समय देवताओं से की गई प्रार्थना !![]() श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजीइस होम के समय श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने ‘सर्वत्र के साधकों की साधना में उत्पन्न बाधाएं दूर होकर हिन्दू राष्ट्र की शीघ्रातिशीघ्र स्थापना हो, साथ ही सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को दीर्घ निरोगी जीवन प्राप्त हो तथा आनेवाले आपातकाल में सभी साधकों की रक्षा हो’, यह प्रार्थना की । |
चेन्नई (तमिलनाडु) – २९ मार्च २०२५ को शनि ग्रह ने कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश किया । जब शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, इस घटना को ‘शनिगोचर’ कहते हैं । शनिगोचर के कारण ग्रहमंडल में आनेवाले परिवर्तन तथा उसके कारण मनुष्य पर होनेवाले अच्छे-बुरे परिणामों के विषय में अनेक ज्योतिष अध्येताओं ने उल्लेख किया है । ऐसे इस संधिकाल में साधना करना आवश्यक है, ऐसा अनेक संतों एवं सद्गुरुओं ने बताया है । सप्तर्षि जीवनाडी-पट्टिका के वाचक, ‘अखिल विश्व ज्योतिष परिषद’ के अध्यक्ष तथा ‘होरामार्तंड’ पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी ने नाडीपट्टिका में बताए अनुसार २९ मार्च को शनिदेव एवं वाराहीदेवी होम का आयोजन किया था । चेन्नई शहर के अरुंबाक्कम के ऐश्वर्या हॉल में संपन्न इस होम में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी भी उपस्थित थीं । चेन्नई के वाराहीदेवी पीठ के गुरुजी श्री. गणपति सुब्रह्मण्य स्वामी ने यह होम संपन्न किया । इस होम में ‘तमिल फिल्म इंडस्ट्री’ के संगीत निर्देशक श्री. शंकर गणेशन् तथा उनकी पत्नी श्रीमती जीववर्षिणी भी उपस्थित थे ।
इस अवसर पर ‘अखिल विश्व ज्योतिष परिषद’ के सचिव कन्नियर राजशेखर तथा अन्य सभी पदाधिकारी भी उपस्थित थे । इसके साथ ही तमिलनाडु राज्य के विभिन्न जिलों से आए अनेक ज्योतिषी एवं अध्येता उपस्थित थे । इस होम के उपरांत एक ज्योतिष परिषद भी संपन्न हुई, जिसमें शनि ग्रह, शनिगोचर, भारत की ग्रहगति तथा भविष्यवाणी के विषय में चर्चा की गई ।

सनातन संस्था की ओर से विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया कार्यक्रम
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु पूरे देश में २३ सहस्र से अधिक श्रद्धालुओं ने किया ‘सामूहिक हनुमान चालीसा’ का पाठ !
२९ मार्च को शनिगोचर अर्थात श्री शनिदेव ने कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश किया । श्रद्धालुओं को इस शनिगोचर का आध्यात्मिक स्तर पर लाभ होने हेतु, साथ ही हिन्दू राष्ट्र की शीघ्रातिशीघ्र स्थापना होने हेतु पूरे देश में श्रीराम एवं हनुमानजी के मंदिरों सहित विभिन्न मंदिरों में सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ के कार्यक्रम लिए गए । हनुमान चालीसा के पाठ के समय हनुमानजी एवं शनिदेवजी के चरणों में ‘हिन्दू राष्ट्र की शीघ्रातिशीघ्र स्थापना हो’, यह सामूहिक प्रार्थना की गई । इस उपक्रम में २३ सहस्र से अधिक श्रद्धालु, साधक एवं हिन्दुत्वनिष्ठों ने भाग लिया । इसमें समविचारी संगठनों के प्रतिनिधि, अधिवक्ता, उद्योगपति, विचारक आदि विभिन्न क्षेत्रों के मान्यवर भी सहभागी थे । इन कार्यक्रमों में अनेक श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूतियां हुईं, साथ ही श्रद्धालुओं ने मनोगत व्यक्त किया, ‘राष्ट्र एवं धर्म का कार्य करने के लिए हमें इस उपक्रम से ऊर्जा मिली ।’

‘शनिगोचर’ के उपलक्ष्य में सप्तर्षि द्वारा दिया गया संदेश
२९ मार्च २०२५ का दिन हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण दिन है । इस दिन शनि ग्रह कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करनेवाले हैं । इसके उपरांत देश-विदेश, मनुष्य-देवता, धर्म-अधर्म, राजनीति, अर्थव्यवस्था, पृथ्वी-आकाश जैसे अनेक स्तरों पर अभी तक नहीं हुए, ऐसे परिवर्तन आनेवाले हैं । इस दिन अमावस्या भी है । इस दिन पृथ्वी पर कुछ स्थानों पर सूर्यग्रहण का प्रभाव रहेगा । संक्षेप में कहा जाए, तो इसे मानवीय जीवन का एक ‘आध्यात्मिक संधिकाल’ कहा जा सकेगा ।
इस संधिकाल का सामना करने हेतु तथा रक्षा हेतु सनातन के सर्वत्र के साधक २९ मार्च को सवेरे ११ से दोपहर १२.३० की अवधि में ७ बार हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ करें । सभी आश्रमों एवं सेवाकेंद्रों में भी सामूहिक पाठ किया जाए । हनुमानजी शनिपीडा दूर करनेवाले देवता हैं । – सप्तर्षि (१८.३.२०२५)
(सप्तर्षि की आज्ञा के अनुसार सनातन के सर्वत्र के साधकों ने ७ बार हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया । – संकलनकर्ता)