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चिक्कमंगुलुरू (कर्नाटक) – यहां के नेल्लूर मठ तथा जामिया मस्जिद के मध्य का दो दशक पुराना संघर्ष अब चरम पर पहुंच गया है । ४ मार्च को शहर के हनुमंतप्पा सर्कल के पास मस्जिद के सदस्यों ने ‘कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में आदेश दिया है’, ऐसा बताते हुए नगरपालिका को कोई जानकारी दिए बिना यहां की विवादित भूमि पर स्थित मठ, घर तथा होटल हटाने आरंभ कर दिए । २५० से अधिक मुसलमानों को एकत्र कर बुलडोजर से यह कार्यवाई की गई ।
१. यह भूमि नेल्लूर मठ की है, ऐसा नेल्लूर मठ परिजनों का दावा है, जबकि यह भूमि मुसलमानों की होने का जामिया मस्जिद का दावा है । इस बुलडोजर कार्यवाई के कारण परिसर में तनाव का वातावरण बन गया है ।
२. जब यहां बुलडोजर चलाया जा रहा था, उस समय नेल्लूर मठ परिजन, भाजपा कार्यकर्ता तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंच गए थे । कार्यकर्ताओं ने इसके लिए क्षोभ व्यक्त किया । स्थिति की गंभीरता को ध्यान में लेकर पुलिस प्रशासन ने पुलिस बल को तैनात कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाई रोक दी ।
३. इस समय पुलिस अधीक्षक विक्रम आमटे ने मस्जिद के सदस्यों को बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए । इस बैठक में हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता भी उपस्थित थे ।
४. बैठक में पुलिस प्रशासन ने पुलिस को तथा नगरपालिका को जानकारी दिए बिना कार्यवाई करने के लिए, केवल अप्रसन्नता ही व्यक्त की ।
५. इस समय हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘हटाया गया निर्माणकार्य पुनः आरंभ किया जाए, इससे हुई आर्थिक हानि की भरपाई की जाए, बुलडोजर जब्त किया जाए तथा अतिक्रमण हटानेवालों पर अपराध पंजीकृत किए जाएं, यह मांगें की । इस संदर्भ में नेल्लूर मठ परिजनों तथा होटल मालिक ने बसवनहल्ली पुलिस थाने में शिकायत पंजीकृत की है ।
६. हिन्दुओं के बढते दबाव के कारण वक्फ बोर्ड के अधिकारियों सहित जामिया मस्जिद के १४ सदस्यों के विरुद्ध अपराध पंजीकृत किया गया है ।
संपादकीय भूमिका
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