कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के महाकुंभ मेले और महाशिवरात्रि उत्सव में भाग लेने के कारण विधान
बेंगलुरु (कर्नाटक) – मुझे दूसरा धर्म क्यों स्वीकार करना चाहिए ? मुझे सभी धर्मों से प्यार है। हमने इस धर्म में जन्म के लिए आवेदन नहीं किया । मैं एक हिन्दू के रूप में पैदा हुआ हूं और मैं एक हिन्दू के रूप में ही मरूंगा, इस प्रकार का कर्नाटक के कांग्रेस सरकार के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने किया। उन्होंने सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ‘ईशा फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व मनाया। कांग्रेसी होने के बाद भी वे इस तरह के आयोजन में गए थे, जबकि पार्टी में चर्चा चल रही थी, उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न का उपर्युक्त उत्तर दिया।
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने आगे कहा कि,
१. कांग्रेस पार्टी सभी धर्मों का संगम है। जब हम शक्ति और अधिकार देते हैं, तो वह सभी को विचारशीलता देता है। (अगर ऐसा है तो स्वतंत्र पार्टी के लोग इसकी आलोचना क्यों कर रहे हैं ? इसका अर्थ है कि हिन्दू के कार्यक्रम में जाना कांग्रेस की विचारधारा में नहीं है! – संपादक)
२. राज्य में हमारी सरकार सत्ता में है। क्या हमने हिन्दू धर्मादाय खाता बंद कर दिया है? सत्ता में रहने पर भाजपा ने वक्फ बोर्ड को बंद नहीं किया। क्या ख्रिस्ती विकास बोर्ड बंद है? नहीं इसका कारण हमारा संविधान है। हमारे देश में सभी धर्मों को समान अवसर दिए जाते हैं।
३. पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा इनके नेतृत्व में हमने पहले चुनावों का सामना किया, तो हमने चुनाव अभियान को ‘पांचजन्य’ नाम दिया। तब कुछ लोगों ने सोनिया गांधी के पास जाकर शिकायत की; लेकिन सोनिया गांधी ने इसे नहीं रोका। (इससे पता चलता है कि काँग्रेस में अधिकतर लोग हिन्दुओं की आस्था से जुड़े नाम पर आपत्ति जता रहे हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस में नफरत भरी है।- संपादक)
४. हम हिंदुओं को भाजपा और रा.स्व.संघ इसपर छोडा है क्या ? क्या मुख्यमंत्री सिद्धारामय्या का नाम और मेरा नाम भगवान के नाम है इसके कारण इसे बदलना संभव है क्या? हमारे नेता राहुल गांधी शिव के महान भक्त हैं। (यदि हां, तो वे महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान के लिए क्यों नहीं गए ?- संपादक)
५. इस प्रकरण का कुंभ मेले से क्या लेना-देना है ? क्या पानी में जाति है या धर्म ? यह एक परंपरा है जो प्राचीन काल से चली आ रही है। इसमें कोई राजनीति नहीं है। राजनीति को धर्म और आस्था से नहीं मिलाना चाहिए। (स्वतंत्र पार्टी के नेता इसका पालन करेंगे? कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे ने कुंभ मेले की खुद आलोचना की है।- संपादक) हमारे विधानसभा अध्यक्ष यू.टी. खादर भी कुंभ मेला में गए थे।
६. यह मेरा विश्वास है कि मैंने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले और ईशा योग केंद्र में आयोजित महाशिवरात्रि कार्यक्रम में भाग लिया। मेरा विश्वास मेरा है, किसी को इस पर बात नहीं करनी चाहिए। मेरे कार्यों का मौखिक स्वागत करने के लिए किसी (भाजपा) की आवश्यकता नहीं है।