संदिग्धों की पहचान करने वालों को पुरस्कार दिया जाएगा।
संभल (उत्तर प्रदेश) – संभल हिंसा प्रकरण में अज्ञात लोगों द्वारा एक आरोपी के भित्ति चित्र हटाने के कुछ घंटों के अंतराल से पुलिस ने अब हिंसा के सभी ७४ संदिग्धों के भित्ति चित्र लगा दिए हैं। नवंबर में मुसलमानों द्वारा की गई हिंसा में २० पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने आरोपी की पहचान बताने वाले को पारितोषिक देने की घोषणा की है।
🚨 Posters of 74 Sambhal Violence Suspects Put Up at Jama Masjid
Just hours after being torn down at multiple locations, fresh posters featuring the suspects have been put up again by the Police. 📜
💰A reward has been announced for anyone providing information about them.
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 15, 2025
इस संबंध में संभल के अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने सूचित किया कि,
१. भित्ति चित्रों में हिंसा के दिन पत्थर लेकर चलते संदिग्धों के छाया चित्र हैं। ड्रोन कैमरों, सी.सी.टी.वी. और भ्रमण भाष पर लिए गए लघु चित्रों से हिंसा करने वालों के चेहरे उजागर हो गए हैं। यद्यपि उनकी पहचान की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए जनता से सहायता प्राप्त करने हेतु भित्ति चित्र लगाए गए हैं।
२. संभल जामा मस्जिद समेत कई स्थानों पर भित्ति चित्र लगाए गए हैं।
३. मस्जिद के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप कक्ष ही में स्थापित पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि भित्ति चित्रों को दोबारा न फाडा जाए।
यह प्रकरण है क्या ?
माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार, १९ और २४ नवंबर २०२४ को संभल में जामा मस्जिद का सर्वेक्षण चल रहा था। इसे रोकने के लिए मुसलमानों ने २४ नवंबर को हिंसा का सहारा लिया। उस समय पुलिस पर पत्थर फेंके गए। सर्वेक्षण को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए क्षेत्र में बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। हिन्दू पक्ष द्वारा प्रविष्ट याचिका में कहा गया है कि मस्जिद में भगवान कल्कि को समर्पित एक मंदिर है। यह स्थान प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम १९०४ के अंतर्गत संरक्षित है।