Supreme Court On Freebies : लोग काम नहीं करना चाहते ; क्योंकि उन्हें मुफ्त राशन और पैसा मिल रहा है !

सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों को लगाई फटकार !

नई दिल्ली – लोग काम नहीं करना चाहते; क्योंकि उन्हें मुफ्त राशन और पैसा मिल रहा है । सर्वोच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मुफ्त राशन और पैसा देने के स्थान पर अच्छा होगा कि ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाया जाए ताकि वे देश के विकास में योगदान दे सकें ।

१. शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों को आश्रय प्रदान करने से संबंधित एक मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज की पीठ के समक्ष हो रही थी । सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटमणि ने कहा कि सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जिससे गरीब शहरी बेघर लोगों को आवास उपलब्ध कराने सहित अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर कार्य करने में सहायता मिलेगी ।

२. सर्वोच्च न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह सरकार से निर्देश लें और बताएं कि यह कार्यक्रम कब लागू किया जाएगा । सर्वोच्च न्यायालय ६ सप्ताह बाद मामले की पुनः सुनवाई करेगा ।

३. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भी सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि ‘राज्य सरकारों के पास मुफ्त योजनाओं के लिए पैसा है; लेकिन जजों के वेतन और पेंशन के लिए पैसे नहीं हैं ।’ इस अवसर पर न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार की ‘लाड़की बहन योजना’ और दिल्ली चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए आश्वासनों का उदाहरण दिया ।