Prayagraj Kumbh Parva 2025 : संगम जाने के लिए नाव चालकों ने श्रद्धालुओं से ५,००० रुपये तक लूटे !

  • पुलिस कहती है, ‘यदि तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं तो पैदल जाओ !’

  • एक श्रद्धालु के परिवहन के लिए १५० रुपये का सरकारी शुल्क निर्धारित किया गया; किन्तु नाव स्वामी कम से कम २ सहस्र रुपये की मांग कर रहे हैं !

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), ११ फरवरी (वार्ता) – सरकारी नियम है कि महाकुंभ क्षेत्र में त्रिवेणी संगम पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए निजी और सरकारी नाव मालिकों को प्रति श्रद्धालु १५० रुपये किराया लेना होगा । यद्यपि  नाविक इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं और लोगों से प्रति व्यक्ति २.०००  से ५,००० रुपये तक का किराया ले कर उन्हें लूट रहे हैं । श्रद्धालुओं द्वारा बार-बार कम किराया लेने के उनके अनुरोध करने पर भी नाविक ध्यान ही नहीं दे रहे हैं । संगम पर जब पुलिस से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यदि श्रद्धालु नाव से नहीं जाना चाहते तो उन्हें पैदल ही जाना चाहिए !”

नाव चालक ४ सदस्यों वाले परिवार के लिए १०,००० से १२,००० रुपये की मांग करते हैं !

लोग संगम पर जाने के लिए नावों के लिए कतार में खडे हैं । नाव की प्रतीक्षा करने में घंटों लग रहे हैं । चार सदस्यों वाले परिवार के लिए किराया १०,०००  से १२,००० रुपये तक लिया जा रहा है । ‘बोट क्लब घाट’ पर पहुंचने पर जम्मू-कश्मीर से आए सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि संगम में डुबकी लगाने के लिए ४ लोगों से ८ सहस्त्र रुपए लिए गए । बोट क्लब से त्रिवेणी घाट तक का मार्ग नाव से ही तय करना पडता है । जिसके लिए अनेक नाविक १०,००० से १२,००० रुपये मांग रहे हैं । जब संवाददाता संगम में नाव चालकों से पूछते हैं कि, “आप श्रद्धालुओं से कितना शुल्क लेते हैं ?” तो नाव चालक उनकी बात पर ध्यान ही नहीं देते । नाव आने पर उस पर चढने के लिए भगदड जैसी स्थिति बन जाती है । अनेक लोगों को तो इतना पैसा देने पर भी नाव पर आसन नहीं मिलता । श्रद्धालुओं ने बताया कि नाविक प्राय: पकडे जाने से बचने के लिए नदी के बीच में ही पैसे का लेन देन कर लेते हैं । नाव पर चढने से पहले श्रद्धालुओं को धीमी आवाज में किराया बताया जाता है । जो लोग पैसों के बारे में ऊंची आवाज में बात करते हैं उन्हें नाव पर बैठने ही नहीं दिया जाता ।

आरोप लगाने पर उलटा पुलिस ही श्रद्धालुओं पर भडकी !

श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का कष्ट न हो इसके लिए प्रशासन ने पुलिस बल तैनात किया है । यद्यपि जब श्रद्धालु नाविकों की मनमानी की शिकायत करते हैं तो पुलिसकर्मी स्वयं श्रद्धालुओं पर क्रोधित हो जाते हैं । जब इसकी शिकायत थाने के पुलिस उपनिरीक्षक दिनेश कुमार मिश्रा से की गई तो उन्होंने क्रोध में श्रद्धालुओं से कहा कि यदि पैसे नहीं दे सकते तो चले जाओ । निजी नावों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है ।

भक्तगण शिकायत करें ! उचित कार्रवाई होगी ! – विवेक चतुर्वेदी, अतिरिक्त न्यायिक अधिकारी

नाव चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूलने के बारे में पूछे जाने पर अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि अधिक किराया वसूलना अनधिकृत है । यदि कोई नाव चालक निर्धारित किराये से अधिक किराया लेता है तो श्रद्धालुओं को इसकी शिकायत करनी चाहिए । तुरंत उचित कार्रवाई की जाएगी । (जब नाविकों की मनमानी दिनदहाडे देखने को मिले, तो पुलिस को स्वयं ही इसकी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए । क्या श्रद्धालुओं से शिकायत की अपेक्षा करना अपना उत्तरदायित्व झटकने जैसा नहीं है ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • उत्तर प्रदेश सरकार को इस ओर ध्यान देकर संबंधित नाविकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, यह हिन्दुत्वनिष्ठ जनता की अपेक्षा है !
  • यह देखना महत्वपूर्ण है कि क्या इन नाव चालकों द्वारा  किराया इतना अधिक (कम से कम १५ गुना) बढाने  के पीछे क्या कोई षड्यंत्र है !