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कासगंज (उत्तर प्रदेश) – कासगंज के सराय जुन्नारदार गांव में हिन्दू ग्रामीणों ने अपने घर के बाहर फलक लगाया था, जिस पर लिखा था, ‘यह घर बिकाऊ है ।’ उन्होंने इस वर्ष होली न मानने का भी आग्रह किया था । हिन्दुओं को गांव में एक निश्चित स्थान पर होलिका दहन की अनुमति चाहिए थी । यह स्थान एक मस्जिद के पास है । मुसलमान इसका विरोध कर रहे थे । हिन्दुओं ने इस विषय पर प्रदर्शन किया । इसके पश्चात पुलिस ने यह विवाद सुलझाया ।
१. यह गांव मुस्लिम बहुल है । गांव में कुछ हिन्दू परिवार भी रहते हैं । गांव में एक स्थान पर होलिका दहन की मांग के संबंध में हिन्दुओं ने प्रदर्शन किया । जिस स्थान की हिन्दू मांग कर रहे थे, वह पारंपरिक था । विगत अनेक दशकों से यहां होलिका दहन हो रहा था ।
२. स्थानीय पत्रकार आयुष भारद्वाज ने बताया कि समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में मुसलमानों ने इस होलिका दहन के स्थान के पास मस्जिद बना ली । तब, होलिका दहन का स्थान गांव के बाहर कर दिया गया । तब से कुछ वर्षों तक होलिका दहन गांव के बाहर ही किया जाता रहा । अब इस नए स्थान पर आंगनबाड़ी का भवन बन गया है ।
३. हिन्दुओं ने कहा, ‘हम होलिका दहन का स्थान बार-बार नहीं बदल सकते । गांव की मस्जिद के पास जो पहले का स्थान था, वहां हमें होलिका दहन की अनुमति दी जाए ।’ इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया और समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन से विनती भी की गई । यदि हमें पारंपरिक स्थान पर होलिका दहन की अनुमति नहीं दी गई, तो हम इस वर्ष होली का त्योहार नहीं मनाएंगे और अपना गांव-घर भी त्याग देंगे ।
४. दूसरी ओर मुसलमान अड़े थे कि वे मस्जिद के सामने होलिका दहन नहीं करने देंगे । प्रशासन ने इस विषय पर सभी पक्षों से चर्चा की । पश्चात हिन्दुओं को ग्राम पंचायत के स्थान पर होलिका दहन की अनुमति दी गई । महिला पुलिस अधिकारी आंचल चौहान ने बताया कि हिन्दुओं ने अपने घरों के बाहर लगाए फलक हटा लिए हैं और गांव में अभी शांति है ।
संपादकीय भूमिकाउत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के रहते हिन्दुओं को ऐसी चेतावनी न देनी पड़े, यह हिन्दुओं की अपेक्षा ! |