मैसूर (कर्नाटक) में मुसलमानों द्वारा हिंसा

मुसलमानों के संदर्भ में अपमानजनक पोस्ट प्रसारित होने की घटना ।

मैसूर (कर्नाटक) – यहां एक युवक ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की अर्धनग्न स्थिति में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की । इस तस्वीर पर उर्दू भाषा में अपमानजनक लेखन किए जाने के दावे के कारण मुसलमानों ने १० फरवरी की रात हिंसा की । पुलिस ने पोस्ट के मामले में सतीश नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है ।

पोस्ट प्रसारित होने के बाद मुसलमानों ने पुलिस थाने को घेरकर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की । इस समय पुलिस और मुसलमानों के बीच विवाद हुआ । जिसके बाद मुसलमानों ने पथराव किया । पुलिस की गाड़ियों पर भी पत्थर फेंके गए । इसके बाद हिंसा भडक गई । कुछ स्थानों पर आगजनी भी की गई । पुलिस ने हवाई फायरिंग कर दंगाइयों को खदेड़ा । पुलिस ने क्षेत्र में धारा १४४ लागू कर दी है ।

दंगे के पीछे साजिश ।

भाजपा के स्थानीय विधायक श्रीवत्स ने कहा कि इस दंगे के पीछे किसी का षड्यंत्र है, क्योंकि पोस्ट करने वाले युवक को पकडकर ले जाने के उपरांत यह अफवाह फैलाई गई कि उसे छोड दिया गया है, जिससे दंगा भडकाया गया । इतने कम समय में २ हजार लोग कैसे जमा हो गए ? इसलिए इसके पीछे कौन है, यह पता लगाना आवश्यक है, ऐसी मांग उन्होंने की ।

संपादकीय भूमिका 

मुसलमानों के संदर्भ में अपमानजनक कुछ भी होने पर वे सीधा कानून हाथ में लेते हैं और धर्मनिरपेक्ष लोग उनका विरोध नहीं करते ।