Bangladesh Pakistan Relations : बांगलादेशी नौदलप्रमुख ने पाकिस्तानी सैन्यदल प्रमुख से की भेंट

बाएं से बांग्लादेश के नौदल प्रमुख अ‍ॅडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन और पाकिस्तान के सेनादल प्रमुख सय्यद असीम मुनीर

ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश के नौदलप्रमुख अ‍ॅडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन ने पाकिस्तान के सेनादल प्रमुख सय्यद असीम मुनीर से भेंट की । एक महीने से अल्प कालावधि में दोनोंं ही देशों में यह दूसरी सुरक्षा-स्तरीय बैठक है । तत्पूर्व बांग्लादेश सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टनंट जनरल एस्.एम्. कामरुल हसन ने असीम मुनीर से भेंट की । इतना ही नही, अपितु पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आइ.एस्.आइ.के एक प्रतिनिधिमंडल ने ढाका में बांग्लादेश सेना से भी भेंट की । बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ प्रादेशिक एवं सुरक्षा संबंध मजबूत करने हेतु उठाए कदम के रूप में इसे देखा जा रहा है । दोनोंं ही देशों के बहुत अच्छे नहीं रहे हैं । ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान एवं बांग्लादेश समीप आने से दक्षिण एशिया के समीकरण बदल सकते हैं । यह भारत के लिए चिंता का कारण हो सकता है ।

१. नजमुल हसन ने रावलपिंडी में असीम मनीर से भेंट कर नौदल सहयोग तथा बहुराष्ट्रीय नौदल के अभ्यास में पाकिस्तानी नौदल के सहयोग के विषय में विचार-विमर्श किया । उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सेना प्रादेशिक स्थिरता को गति देने हेतु पाकिस्तान के साथ सहयोग पर बल दे रही है । पाकिस्तानी सेना बांग्लादेशी सेना के लिए प्रशिक्षण सत्र आरंभ करने की योजना बना रही है । बांग्लादेश ने भी पाकिस्तान से शस्त्र क्रय किए हैं ।

२. बांग्लादेश सेना का एक भाग पाकिस्तान के साथ सहयोग का अनुरोध कर रहा है । इस गुट का विश्वास है कि इससे इस प्रदेश में स्थिरता आएगी । यह सहयोग आतंकवाद तथा अन्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए सहाय्य कर सकता है । बांग्लादेश में चल रहे अंतर्गत तना‍व की पृष्ठभूमि पर ढाका इस्लामाबाद से राजनितिक समर्थन प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है । मोहम्मद युनूस बांग्लादेश काे भारत की अपेक्षा पाकिस्तान तथा चीन के समीप ले जाना चाहते हैं । यह भारत के लिए चिंता का कारण बन सकता है । यदि बांग्लादेश में पाकिस्तान का हस्तक्षेप बढा, तो वह ईशान्य के राज्यों में अशांति उत्पन्न करने का प्रयास कर सकता है ।

संपादकीय भूमिका 

बांग्लादेश तथा पाकिस्तान की सेना का एक-दूसरे से हाथ मिलाना भारत के लिए संकटदायी सिद्ध होगा, यह कहने के लिए किसी ज्योतिष की आवश्यकता नहीं है । ऐसा होनेे तक भारत का निष्क्रिय रहना अनाकलनीय है !