Pakistani Hindus In Prayagraj Mahakumbh : सनातन धर्म की आस्था की पुकार सुनकर महाकुंभ में पाकिस्तान से ६८ हिन्दुओं का आगमन ।

महाकुंभ की दिव्य और भव्य व्यवस्था देखकर पाकिस्तानी श्रद्धालु अभिभूत हुए ।

पवित्र संगम में स्नान कर आनंदित हुए पाकिस्तानी हिन्दू श्रद्धालु

प्रयागराज – महाकुंभ में दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने के लिए अब भी प्रयागराज आ रहे हैं। अब तक महाकुंभ में लगभग ३९ करोड़ ७४ लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है। सनातन धर्म की आस्था इतनी गहरी है कि पाकिस्तान के सनातन धर्म के अनुयायी भी महाकुंभ के पवित्र संगम में स्नान करने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत से ६८ हिन्दू श्रद्धालुओं का समूह प्रयागराज आया। इन सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान कर अपने पूर्वजों की अस्थियां संगम में विसर्जित कीं। महाकुंभ की व्यवस्था और सनातन धर्म के दिव्य-भव्य आयोजन को देखकर सभी पाकिस्तानी श्रद्धालु भावविभोर हो गए।

पाकिस्तानी हिन्दू श्रद्धालु

मुख्य बातें:

१. ये सभी पाकिस्तानी श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थियों के विसर्जन के लिए विशेष वीजा लेकर प्रयागराज पहुंचे थे।

२. श्रद्धालुओं के साथ आए महंत रामनाथ जी ने बताया कि इससे पहले वे सभी हरिद्वार गए थे, जहां उन्होंने लगभग ४८० पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन किया और पूजा की।

३. इसके बाद उन्होंने प्रयागराज के महाकुंभ में आकर संगम में स्नान किया और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया 

“हमें सनातन श्रद्धा का धागा और महाकुंभ की पुकार यहां खींच लाई !” – पाकिस्तानी श्रद्धालु

पाकिस्तान से महाकुंभ के लिए आए श्रद्धालुओं ने कहा, “सनातन धर्म की आस्था का धागा और महाकुंभ की पुकार हमें यहां खींच लाई है। यह हमारी वर्षों पुरानी इच्छा थी, लेकिन हमारे पूर्वजों को भी आशा थी कि वे महाकुंभ में शामिल होकर पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करें और यहां से जल ले जाएं। इस प्रकार हमारी इच्छा पूरी हो गई है।”

श्रद्धालुओं ने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का आभार व्यक्त किया। पाकिस्तानी श्रद्धालुओं ने कहा, “योगी सरकार के कारण हमें महाकुंभ में भाग लेने का सौभाग्य मिला। महाकुंभ की व्यवस्था बेहद शानदार है। यहां का वातावरण, भोजन और स्वच्छता व्यवस्था सराहनीय है। पाकिस्तान में हमें मंदिरों में जाने की भी अनुमति नहीं मिलती। यहां आकर हम न केवल धन्य हुए हैं, बल्कि हमारे माता-पिता और पूर्वजों को भी मोक्ष प्राप्त हुआ है। बचपन से हमने प्रयागराज और संगम की पवित्र भूमि के बारे में सुना था। माता गंगा में स्नान करके हमारा जीवन सफल हो गया है।”