भारत ने बेडियां, लगाने पर आपत्ति दर्शाई है !

नई देहली – अमेरिका ने ४८७ और अवैध भारतीय प्रवासियों को चिह्नित किया है। अमेरिका ने इनमें से २९८ लोगों की जांच की मांग की है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इन सभी अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने के अंतिम आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी १२ फरवरी से अमेरिका की दो दिवसीय भेंट पर रहेंगे, उस समय वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलेंगे । वे १० से १२ फरवरी तक फ्रांस में रहेंगे।
१. इससे पहले, १०४ भारतीयों को निर्वासित करते समय बेडियां लगाए जाने के आरोप पर विक्रम मिसरी ने कहा, “हमने भारतीय प्रवासियों पर बेडियां लगाए जाने के संबंध में अमेरिका के समक्ष आपत्ति जताई है।” इससे बचा जा सकता था। अमेरिका को अधिक मानवीय पद्धति अपनानी चाहिए थी। भारत का स्पष्ट रुख है कि अमेरिका से निर्वासन के समय अवैध अप्रवासियों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए।
२. मिस्री ने आगे कहा कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकडों पर विश्वास कर रहे हैं। अवैध आव्रजन कैंसर की तरह है। इसे अवश्य रोका जाना चाहिए।
३. केंद्र सरकार लोगों को अवैध रूप से विदेश भेजने और नौकरी के नाम पर धोखाधडी रोकने के लिए नया कानून लाएगी। यह नया कानून ४२ वर्ष पुराने पारपत्र अधिनियम का स्थान लेगा। इस प्रालेख पर विभिन्न मंत्रालयों और विदेश मंत्रालय से संबद्ध स्थायी समिति में चर्चा चल रही है। सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। इसे बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। कानून का उल्लंघन करने वालों को ५ से ७ वर्ष का कारावास और ५ लाख रुपये का दंड लगाया जाएगा। यदि महिलाओं और बच्चों को लक्ष्य किया गया तो कारावास ७ से १० वर्ष तक और दंड १५ लाख से २० लाख रुपये तक हो सकता है।