मंदिर की पवित्रता बचाए रखने हेतु लिया निर्णय

नई दिल्ली – आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर प्रबंधन ने अपने १८ अहिन्दू कर्मचारियों को हटाने का निर्णय लिया है । ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम’ के (‘टीटीडी’ के) नियमों के विरुद्ध काम करने के संबंध में सभी को दोषी ठहराया गया गया है । मंदिर प्रबंधन ने सभी १८ अहिन्दू कर्मचारियों के सामने दो विकल्प रखे हैं, एक तो उन्हें अन्य सरकारी विभाग में स्थानांतरण (ट्रान्सफर) किया जाएगा, अथवा स्वेच्छा निवृत्ति (रिटायरमेंट) का स्वीकार करें । मंदिर की पवित्रता संजोने हेतु यह निर्णय लिया गया है, ऐसा देवस्थान मंडल ने कहा है । ‘टीटीडी’ के अध्यक्ष बी.आर. नायडु की सूचना के अनुसार यह कार्यवाही की गई ।
Tirupati Temple Board Expels 18 Non-Hindu Employees to protect temple sanctity! 🚩
Congratulations to the Tirumala Tirupati Temple Management for this commendable decision 👏🏻@TTDevasthanams#TirumalaTirupatiDevasthanam pic.twitter.com/Tqw2TdM4xa
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 6, 2025
तिरुपति देवस्थान में काम करते समय अहिन्दू धार्मिक प्रथाओं का पालन करनेवाले १८ कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई हैं । (सर्वधर्मसमभाव की टिमकी बजाकर (दोहरी नीति) मंदिरों के प्रबंधन में अहिन्दुओं को सम्मिलित करने के पक्ष में बोलनेवालों को इस विषय में क्या कहना है ? – संपादक) ‘टीटीडी’ में काम कर के भी वे सभी अहिन्दू धार्मिक परंपराओं का पालन कर रहे थे । अब उनपर अनुशासन भंग करने की कार्यवाही का आदेश दिया गया है ।
संपादकीय भूमिकाप्रशंसनीय निर्णय लेनेवाले तिरुपति बालाजी मंदिर प्रबंधन का अभिनंदन ! |