Jaishankar On Indians Deported By US : २००९ से भारतीयों को नियमों के अनुसार वापस भेजा जा रहा है ! – विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संसद में दी जानकारी ।

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे १०४ भारतीयों को वापस भेजते समय हथकडी और बेडियां  लगाने की घटना

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

नई दिल्ली – संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने सैन्य सी-१७ ग्लोबमास्टर विमान का उपयोग करके अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे १०४ भारतीयों को भारत वापस भेज दिया है । विमान ५ फरवरी की रात को पंजाब के अमृतसर शहर के हवाई अड्डे पर उतरा । अमेरिका द्वारा वापस भेजे गए भारतीयों के हाथ-पैरों में बेड़ियां बंधी हुई पाई गईं । पता चला कि इस ४० घंटे की यात्रा के दौरान उन्हें बेड़ियों में जकड़ा गया था । विपक्षी दल ने इस मामले में सत्तारूढ़ भाजपा की तीखी आलोचना की । ६ फरवरी को संसद में भी हंगामा हुआ । उन्होंने संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया । इसके कारण संसद को भी कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा । इस मामले में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राज्यसभा में एक बयान दिया । इसमें उन्होंने कहा कि इस प्रकार विमान से प्रवासियों को वापस भेजने का ढंग नया नहीं है और पहले भी ऐसा किया जा चुका है । उन्होंने कहा कि यह सब नियमों के अनुसार किया गया है और उन्होंने २००९ से अब तक प्रवासियों की वापसी के आंकडे  भी पढे ।

सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत वापस भेजे गए भारतीयों में पंजाब से ३०, हरियाणा और गुजरात से ३३-३३ , महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से ३-३ तथा चंडीगढ़ से २ लोग शामिल हैं । हालांकि, इस संख्या के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। इनमें १९ महिलाएं और १३ नाबालिग शामिल हैं । इन सभी की जांच पंजाब पुलिस सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा रही है । इस बात की पुष्टि की जा रही है कि किसी के विरुद्ध कोई अपराध दर्ज तो नहीं हुआ है ।

एस. जयशंकर ने कहा,

१. निर्वासन प्रक्रिया की योजना और क्रियान्वयन अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट विभाग द्वारा की जाती है । यह विभाग २०१२ से हवाई मार्ग से प्रत्यावर्तन के लिए’ स्टैंडर्ड ऑपरेटींग प्रोसिजर’ प्रक्रिया का उपयोग कर रहा है ।

२. विमान से निर्वासित करते समय प्रवासियों को बंधन में रखा जाता है; ‘इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट द्वारा हमें उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, महिलाओं और बच्चों पर कोई बंधन नहीं लगाया जाता है । इसके अतिरिक्त, वापस भेजे जा रहे नागरिकों की सुविधा का जैसे भोजन और अन्य आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाता है ।

३. इनमें आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सा सेवाएं भी शामिल हैं । यदि आवश्यक हो अथवा शौचालय जाना हो तो प्रवासियों को बंधन से मुक्त कर दिया जाता है । ये नियम नागरिक और सैन्य दोनों विमानों पर लागू होते हैं ।

४. ५ फरवरी को अमेरिका द्वारा भेजे गए विमान में इस संबंध में कोई बदलाव नहीं किया गया । हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार के संपर्क में हैं कि भारतीय नागरिकों के साथ निर्वासन के दौरान दुर्व्यवहार न हो ।