
नई देहली – भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यहां जानकारी देते हुए कहा ‘‘अमेरिका के राष्ट्र अध्यक्ष डॉनल्ड ट्रम्प राष्ट्रवादी हैं । ‘पिछले ८० वर्षों से अमेरिका ने एक प्रकार से संपूर्ण विश्व का दायित्व लिया है, जो निरुपयोगी (व्यर्थ ) है’, ऐसा ट्रम्प को लगता है । ‘विश्व में अमेरिका द्वारा जो व्यय किया जाता है, वह अमेरिका में ही करना चाहिए’, ऐसी उनकी विचारधारा हैं । हमारी दृष्टि से भारत के अमेरिका से अच्छे संबंध हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के ट्रम्प से व्यक्तिगत रूप से अच्छे संबंध हैं । ट्रम्प की कुछ नीतियां भारत के लिए ‘आऊट ऑफ सिलैबस’ (चौखट के बाहर की) हो सकती हैं ।’’ वे देहली विश्वविद्यालय के हंसराज महाविद्यालय में छात्रों से हुए संवाद में ऐसा बोल रहे थे । इस समय छात्रों द्वारा डॉ. जयशंकर से अमेरिका के संदर्भ में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर स्वरूप उन्होंने उपरोक्त जानकारी दी ।
EAM Dr. S. Jaishankar on🇺🇸 US-India 🇮🇳 ties & global dynamics:
🛑 “Trump may bring out-of-syllabus changes, but our foreign policy will adapt in India’s interest.”🤝 “Differences exist, but many areas align in our favor.”
“Even non-Indians now claim to be Indian—hoping it… pic.twitter.com/WcXaPY125L
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 1, 2025
अमेरिका से कुछ सूत्रों पर sahmat होंगे, तो कुछ पर असहमत !
डॉ. जयशंकर ने स्वीकार करते हुए कहा ‘ट्रम्प की अनेक नीतियों के कारण वैश्विक गतिविधियों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं । वे अनेक बातों में परिवर्तन करेंगे । कदाचित कुछ सूत्र चौखट के बाहर के होंगे; तथापि देशहित की दृष्टि से विदेश नीतियों के संदर्भ में हमें व्यापक (ओपन) रहना होगा । ऐसे कुछ सूत्र हो सकते हैं, जिस पर हम सहमत न भी हों; तथापि ऐसे अनेक क्षेत्र होंगे जहां कार्य हमारे कार्यक्षेत्र में होंगे ।’
जो अब भारतीय नहीं हैं, वह भी अब अपने को भारतीय कहलवा रहे हैं !
डॉ. जयशंकर ने भारत के बढ रहे वैश्विक प्रभाव के संदर्भ में कहा, ‘जो अब भारतीय नहीं हैं, वह भी अब अपने को भारतीय कहलवा रहे हैं ! विदेश में रहनेवाले भारतीय अभी तक अपनी सहायता हेतु भारत पर आश्रित हैं । जो कोई देश के बाहर जाता है, वही व्यक्ति हमारे पास वापस आता है । हम बाहर के रक्षक हैं ।’