Amrut Snan : दुर्घटना के बाद अमृत स्नान कुछ घंटों के लिए रोक दिया गया !

कुंभ क्षेत्र से दैनिक ‘सनातन प्रभात’ की प्रत्यक्ष रिपोर्टिंग….

प्रयागराज – त्रिवेणी संगम पर हुई दुर्घटना के उपरांत प्रशासन ने त्रिवेणी संगम समेत कुंभ क्षेत्र के सभी घाटों पर स्नान बंद करा दिया । प्रशासन ने सुबह शोभा यात्रा के साथ त्रिवेणी संगम पर आने वाले अखाड़ों को अखाड़े के अंदर ही रहने का निर्देश दिया । सभी अखाड़े रात से ही रथों को सजाकर सिद्ध थे । सुबह साढ़े सात बजे से श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संगम के अतिरिक्त गंगा नदी के कुछ तटों पर स्नान के लिए छोड़ना आरंभ कर दिया ।

लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए सुबह तक रुके !

त्रिवेणी संगम पर प्रातः स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु २८ जनवरी की रात से ही संगम मार्ग पर रुके थे । संगम मार्ग के तट पर कई श्रद्धालु समूहों में सो रहे थे । इस मार्ग पर लगभग दो किलोमीटर तक श्रद्धालुओं की भीड थी । ये सभी श्रद्धालु सुबह तक सडक पर ही रहे ।

दुर्घटना के कारण साधुओं को भी स्नान करने से रोका गया !

विभिन्न अखाड़ों के साधु सुबह से ही त्रिवेणी संगम पर स्नान करने आए थे; हालांकि, दुर्घटना के कारण साधुओं को भी स्नान करने से रोक दिया गया । इस समय एक साधु ने कहा, “लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए रुके हैं ।” उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया, ‘कम से कम श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संगम के अतिरिक्त अन्य घाटों पर स्नान करने का अवसर देना चाहिए; हालांकि, पुलिस ने कहा कि सभी घाटों पर स्नान स्थगित कर दिया गया है । इस समय साधु ने बोतल में गंगाजल लाकर देने का अनुरोध किया । जब पुलिस गंगाजल लेकर आई तो साधु और वहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने बोतल से गंगाजल सभी पर छिड़का और वहीं से मां गंगा से प्रार्थना की ।

श्रद्धालुओं का असाधारण धैर्य सराहनीय है !

त्रिवेणी संगम पर लाखों श्रद्धालु उपस्थित थे । पुलिस की संख्या तुलनात्मक रूप से कम थी । पुलिस ने संगम मार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए थे और श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संगम जाने से रोक दिया था । लाखों श्रद्धालुओं के रात से ही स्नान के लिए इंतजार करने पर भी सभी ने असाधारण धैर्य दिखाया और पुलिस के साथ सहयोग किया । श्रद्धालुओं का यह धैर्य निश्चित रूप से सराहनीय है ।

विशेष !

१. कई श्रद्धालु ‘श्री राम जय राम जय जय राम’, ‘हर हर महादेव’, ‘गंगा माता की जय’ जैसे नारे लगाते हुए स्नान के लिए जा रहे थे ।

२. कुछ श्रद्धालु हाथ में माला लेकर जप कर रहे थे, जबकि कई भक्त समूह में जप कर रहे थे ।

३. संत और नागा साधु के जाने के बाद कई भक्त सडक की धूल अपने माथे पर लगा रहे थे ।

४. स्नान के लिए आते समय कई साधु तलवार, गदा, त्रिशूल आदि हथियार साथ लेकर आते थे ।

५. एम्बुलेंस और अग्निशमन वाहन कुंभ क्षेत्र में घूम रहे थे ।

६. त्रिवेणी संगम पर पुलिस घोड़े पर सवार होकर भीड को नियंत्रित कर रही थी ।

७. जिन श्रद्धालुओं के पास रात के लिए आवास की व्यवस्था नहीं थी, उन्होंने सडक के किनारे नागा साधुओं की झोपड़ियों में शरण ली ।

८. श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या अधिक थी । बहुत से वृद्ध लाठी टेकते हुए सुबह-सुबह संगम मार्ग पर स्नान करने के लिए आये थे ।