शंकराचार्य ने भी अखाड़ों से पहले किया अमृतस्नान, श्रद्धालुओं से की संयम रखने की अपील !
प्रयागराज, २९ जनवरी (वार्ता): प्रयागराज महाकुंभ का दूसरा अमृतस्नान संपन्न हो गया है । अमृत स्नान के समय हुई भगदड़ के पश्चात अखाड़ों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पहले श्रद्धालुओं को स्नान की अनुमति दी और फिर प्रतीकात्मक अमृत स्नान कर परंपरा का पालन किया । महाकुंभ में हुई घटना के उपरांत अखाड़ों के संतों और महंतों ने संवेदनशीलता दिखाई । साधुओं, संतों, नागा संन्यासियों और अखाड़ों ने अपना ऐतिहासिक प्रथम स्नान का व्रत तोड़ा । स्थिति को देखते हुए अखाड़ों ने भी ब्रह्म मुहूर्त में अपना अमृत स्नान स्थगित कर दिया और श्रद्धालुओं को पहले स्नान का अवसर दिया, जो कुंभ क्षेत्र में पहली बार हुआ ।
प्रयागराज महाकुंभ में दूसरे अमृतस्नान के समय देश की तीन पीठों से शंकराचार्य त्रिवेणी संगम में स्नान करने आए । उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम रखने की अपील की । शृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी विधुशेखर भारतीजी, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वतीजी एवं ज्योतिर्मठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी ने पवित्र स्नान किया । तीनों पीठों के शंकराचार्य मोटरबोट से त्रिवेणी संगम पहुंचे, जहां उन्होंने पूरे धार्मिक अनुष्ठान के साथ पवित्र स्नान किया तथा देशवासियों को उनके कल्याण के लिए आशीर्वाद दिया ।