कुंभक्षेत्र में संपन्न विहिंप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक

प्रयागराज, २४ जनवरी (वार्ता.) – केवल अयोध्या का श्रीराम मंदिर ही नहीं, अपितु काशी एवं मथुरा के मंदिरों पर भी हिन्दुओं का अधिकार है । भारत के अनेक स्थानों पर जिन धार्मिक स्थलों पर खुदाई हुई है, वहां हिन्दुओं की सांस्कृतिक धरोहर मिली है । इसलिए ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’द्वारा जिन हिन्दुओं के मंदिरों पर अतिक्रमण हुआ है, उन्हें मुक्त करना चाहिए । ये सभी संतों की मांग है, ऐसा प्रतिपादन जूना आखाडे के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदगिरीजी महाराजजी ने यहां किया । वे विश्व हिन्दू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक के उपरांत हुई पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. अलोक शर्मा एवं महामंत्री श्री. बजरंगलाल बांगडा भी उपस्थित थे ।
मंदिर सरकारीकरण से मुक्त किए जाएं !
मंदिरों के सरकारीकरण के विषय में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरीजी बोले, ‘‘हिन्दुओं के मंदिरों का व्यवस्थापन करने के लिए सरकार ने उसे अपने नियंत्रण में लिया है; परंतु सरकार अधिक समय के लिए मठ एवं मंदिर नियंत्रण में नहीं ले सकती । मंदिर सरकारीकरण से मुक्त किए जाएं, इसके लिए हम राज्य सरकार से चर्चा कर रहे हैं । हिन्दुओं के मंदिरों से प्रतिवर्ष १८६ सहस्र करोड रुपए सरकार के नियंत्रण में जा रहे हैं । उससे सरकारी अधिकारियों का वेतन और अन्य व्यय हो रहे हैं । यह धन हिन्दुओं का है । आनेवाले काल में मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद आंदोलन करेगी ।’’
वक्फ कानून रहित किया जाए !
वक्फ बोर्ड के विषय में अवधेशानंद गिरीजी बोले, ‘‘वक्फ मंडल मूलत: अवैध है । ‘राष्ट्रीय मुस्लिम मंच’ने भी इस कानून का विरोध दर्शाया है । भारत में दो प्रकार के लोग रहते हैं । एक हिन्दू और दूसरे ऐसे लोग जिनके पूर्वज हिन्दू थे । मुसलमान मूलत: हिन्दू ही हैं । इसलिए हमारी मांग है कि वक्फ कानून निरस्त करें ।’’