सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘अब केवल २६ जनवरी और १५ अगस्त के दिन राष्ट्र अभिमान जागृत करने हेतु झंडावंदन करना, भाषण करना और देशभक्ति के गीत लगाना पर्याप्त नहीं । प्रतिदिन ही इसके लिए कुछ करना आवश्यक है, अन्यथा हिन्दुओं का और भारत का अस्तित्व नहीं बचेगा ।
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक