Naga Sadhu Diksha : श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े में २,००० से अधिक तपस्वियों ने नागा साधु के रूप में दीक्षा ली !

– श्री. प्रीतम नाचनकर, विशेष संवाददाता

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी अवधेशानंदजी गिरि ने सभी को दीक्षा दी ।

प्रयागराज, १८ जनवरी – महाकुंभ पर्व के दौरान १८ जनवरी को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े में २,००० से अधिक संन्यासियों ने नागा साधु बनने की दीक्षा ली । श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी अवधेशानंदजी गिरि ने सभी को दीक्षा दी । इन सभी तपस्वियों को सामूहिक रूप से गंगा नदी के तट पर नागा साधुओं के रूप में दीक्षित किया गया । इसके पश्चात, ये सभी नागा साधु अपने परिवारों का त्याग कर देंगे और हिन्दू धर्म के प्रचार, संरक्षण और कल्याण के लिए कार्य करना आरंभ करेंगे ।

अपना पिंडदान स्वयं किया !

दीक्षा समारोह सुबह ११.३० बजे गंगा नदी के तट पर आरंभ हुआ । पुराने अखाड़े के प्रमुख श्री पंचदशनाम इन संन्यासियों को दीक्षा के लिए दीक्षा स्थल पर लेकर आए । सभी दीक्षित संन्यासियों का पहले मुंडन किया गया । सभी संन्यासियों ने अपने सारे वस्त्र त्याग दिए और केवल एक लंगोटी पहन ली । इस समय बेल्ट अथवा हथकड़ी जैसे सभी बंधन तोड़ दिए गए थे । दीक्षा ले रहे सभी संन्यासी लगातार ‘हर हर महादेव’ का जाप कर रहे थे । इस अवसर पर सभी दीक्षित संन्यासियों ने अपने तथा अपने परिजनों के पिंडदान किए । इसके उपरांत सभी को पंचगव्य, भस्म, चंदन आदि दस संस्कारों से स्नान कराया गया । यहां अनुष्ठान के बाद सभी संन्यासी श्री पंचदशनाम के पुराने अखाड़े में चले गए । वहां सत्य के प्रतीक माने जाने वाले धर्म ध्वज की उपस्थिति में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी ने नागा साधुओं को दीक्षा दी । दीक्षा लेने के बाद सभी नागा साधुओं ने धार्मिक ध्वज, पीठ के आसन और देवताओं को वंदन कर आशीर्वाद मांगा । नागा संन्यासी के रूप में दीक्षा लेने के बाद, इन सभी का कोई निजी जीवन नहीं बचेगा, अपितु इनका पूरा जीवन हिन्दू धर्म की सुरक्षा, संवर्धन तथा कल्याण के लिए समर्पित होगा ।
इस अवसर पर सभी सात शैव अखाड़ों के साधुओं को दीक्षा दी गई । दीक्षा लेने वाले संन्यासियों में बच्चों के साथ-साथ वृद्ध भी सम्मिलित थे ।

१,००० युवतियां बनेंगी नागा साधु !

१९ जनवरी को जूना पंचदशनाम अखाड़ा द्वारा १,००० युवतियों को नागा संन्यासिनी की दीक्षा दी जाएगी । मौढी मठ की महंत साध्वी उभा भारती ने बताया कि यह दीक्षा शैव अखाड़ों के सभी सात अखाड़ों की युवतियों को दी जाएगी ।

प्रयागराज महाकुंभ पर्व में २५,००० संन्यासियों को नागा साधु की दीक्षा दी जाएगी !

अनुमान है कि प्रयागराज महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों के कुल २५,००० संन्यासियों को नागा साधु की दीक्षा दी जाएगी । प्रयागराज में नागा साधुओं से दीक्षा लेने वालों को ‘राजराजेश्वरी नागा’ के नाम से जाना जाता है । मौनी अमावस्या से पहले विभिन्न अखाड़ों के संन्यासियों को नागा साधुओं की दीक्षा देने की रस्म पूरी कर ली जाएगी । सभी दीक्षित नागा साधुओं को २८ जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने का अधिकार होगा ।