Indian Army Chief on Border Situation : उत्तर सीमा पर स्थिति संवेदनशील होने की स्थिति में भी नियंत्रण में है ! – सैन्यदल प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी

सैन्यदल प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी

नई देहली – उत्तर सीमा पर स्थिति संवेदनशील होने के बाद भी नियंत्रण में है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी नेताओं से भी चर्चा की है। मैंने अपने सभी सह-कमांडरों को गश्त के समय भूमि की स्थिति पर दृष्टि बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। वहां के प्रकरण सैन्य स्तर पर ही हल किए जा सकते हैं। सीमा पर अपनी क्षमता बढ़ाते समय हमने विशेष तकनीकों का उपयोग किया है। यह जानकारी भारत के सैन्यदल प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इस समय उन्होंने देश की सभी सीमाओं की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने चीन और म्यांमार की सीमा के साथ-साथ मणिपुर में हुई हिंसा पर भी चर्चा की।

सैन्यदल प्रमुख द्वारा प्रस्तुत किए गए मुख्य बिंदु

कश्मीर में सक्रिय 80% आतंकवादी पाकिस्तानी हैं

जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में सक्रिय 80% आतंकवादी पाकिस्तान से हैं। वर्ष 2024 में मारे गए आतंकवादियों में से 60% पाकिस्तानी थे। वर्तमान में कश्मीर घाटी की स्थिति नियंत्रण में है।

आतंकवाद से पर्यटन की ओर धीरे-धीरे बढ रहा कश्मीर

फरवरी 2021 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्धविराम समझौते के बाद भी सीमा पार से लगातार घुसपैठ के प्रयास जारी हैं। हाल के महीनों में उत्तर कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियां देखी गई हैं। स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं गई है। पिछले एक साल में जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुए हैं। यह एक बड़ा बदलाव है। हम आतंकवाद से पर्यटन की ओर धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं।

बांग्लादेश में चुनी गई सरकार के बाद संबंध तय होंगे

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के समय मैं वहां के सैन्यदल प्रमुख के संपर्क में था। लेकिन अब वहां एक निर्वाचित सरकार आने के बाद ही हम बांग्लादेश के साथ संबंधों पर चर्चा कर सकते हैं।

मणिपुर में स्थिति अब नियंत्रण में है

उत्तर-पूर्व क्षेत्र में भी स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयासों से मणिपुर में स्थिति अब नियंत्रण में है। मणिपुर में हिंसा की कुछ घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन वहां शांति स्थापित करने के लिए सेना निरंतर कार्य कर रही है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई स्वयंसेवी संगठन और वरिष्ठ अधिकारी भारत-म्यांमार सीमा पर सभी समुदायों के नेताओं से संवाद कर रहे हैं।

सेना को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य

सेना को आत्मनिर्भर बनाना और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना मेरा लक्ष्य है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मीडिया और सुरक्षा बलों का मिलकर काम करना आवश्यक है। इसलिए मैं मीडिया से बात करने का प्रयास करता हूं।