सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘सभी क्षेत्रों में ऐसी स्थिति है .
खगोलशास्त्र
विज्ञान अलग अलग ग्रह-तारों का आकार, पृथ्वी से उनकी दूरी आदि जानकारी बताता है, तो ज्योतिषशास्त्र ग्रह-तारों का परिणाम और परिणाम बुरा होनेवाला हो, तो उस पर उपाय भी बताता है ।’ (समाप्त)
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभातʼ नियतकालिक