श्राद्ध के प्रति अनुचित प्रचार कर धर्महानि न करें !

जीवित माता-पिता की चिंता करना ही चाहिए; किंतु उनके पश्चात उनकी आगे की यात्रा सुखकर हो, इसलिए श्राद्धपक्ष एक विधिवत शास्‍त्रीय विधान है ।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र देहली सरकार (संशोधन) विधेयक २०२३

‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र देहली सरकार (संशोधन) विधेयक २०२३’ कानून की दिशा में अग्रसर !

ग्रंथमाला : हिन्दू राष्ट्र-स्थापना

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में सम्मिलित हों !

राष्ट्रप्रेम जागृत करने हेतु एवं आदर्श गणतांत्रिक राज्य लाने हेतु आवश्यक कुछ मांगें

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में हम एक छात्र के रूप में कुछ मांगें करेंगे । आज के राज्यकर्ताओं ने यदि हमारी ये मांगें स्वीकार कीं, तो उससे प्रत्येक व्यक्ति में राष्ट्रप्रेम जागृत होगा तथा बहुत शीघ्र आदर्श गणतांत्रिक राज्य आएगा ।

मकर संक्रांति मनाने की पद्धति एवं पर्वकाल में दान का महत्त्व

इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक वातावरण अधिक चैतन्यमय होता है । साधना करनेवाले को इस चैतन्य का लाभ होता है ।

मध्य प्रदेश राज्य के मान्यवरों के पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ के विषय में उद्बोधक विचार !

मैं विगत छः-सात महीनों से ‘सनातन संस्था’ के मुखपत्र सनातन प्रभातका एक नियमित पाठक हूं । यह मेरा सौभाग्य है कि पत्र के माध्यम से मुझे संस्था से भी जुडने का सुयोग मिला ।

सनातन प्रभात’ के विषय में अभिमत ‘यूनिवर्सल औरा स्कैनर’ उपकरण के द्वारा किए जानेवाले वैज्ञानिक परीक्षण अच्छे लगते हैं ! – श्रीमती चारूता माहुरकर, पुणे

सनातन प्रभात में ‘यूनिवर्सल औरा स्कैनर’ उपकरण के द्वारा किसी भी विषय से संबंधित किए गए वैज्ञानिक परीक्षण की जानकारी हो, वह मुझे बहुत अच्छी लगती है ।

अंतर्मन को सुसंस्कारी बनानेवाली हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ संबंधी सेवा !

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के माध्यम से विगत अनेक वर्षों से समाजप्रबोधन किया जा रहा है । ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकोंद्वारा ‘राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे प्रहार, संतों का मार्गदर्शन, साधकों को हुई अनुभूतियां, सूक्ष्म ज्ञान’ आदि के संबंध में विविध लेखों के माध्यम से समाज के व्यक्तियों का मार्गदर्शन किया जाता है एवं उन्हें साधनाप्रवण किया जाता है ।

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की ओर से ‘आभूषणों का व्यक्ति पर होनेवाला प्रभाव’ विषय पर फ्रांस में ‘ऑनलाइन’ पद्धति से शोधनिबंध का प्रस्तुतीकरण !

आध्यात्मिक दृष्टि से सकारात्मक आकार के आभूषण सात्त्विक स्पंदनों को आकर्षित कर सकते हैं तथा स्त्री को उसकी आध्यात्मिक प्रगति में लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं, तो दूसरी ओर आध्यात्मिक दृष्टि से नकारात्मक आकार के आभूषण रज-तमात्मक स्पंदनों को आकर्षित कर स्त्री के प्रभामंडल पर नकारात्मक प्रभाव करा सकते हैं ।

भावविभोर होकर नृत्य करनेवालीं तथा नृत्यकला से दैवी आनंद का अनुभव करनेवालीं देहली की कत्थक नृत्यांगना श्रीमती शोभना नारायण !

‘४०-५० वर्षाें से अधिक संगीत के लिए समर्पित इन कलाकारों की ‘संगीत साधना’ अगली पीढी के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो’, इस उद्देश्य से महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से इन कलाकारों के साथ संवाद किया गया ।